विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को किर्गिज़ गणराज्य का दौरा करेंगे।
किर्गिज़ गणराज्य का बाजार साल दर साल भारतीय निवेशकों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए आकर्षक होता जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद के 22वें सम्मेलन की अध्यक्षता किर्गिज़ गणराज्य कर रहा है और जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए 25-26 अक्टूबर 2023 को बिश्केक के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे।
बिश्केक में विदेश मंत्री अन्य एससीओ सदस्य देशों के अपने समकक्षों से भी मिलेंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
भारत और किर्गिज गणराज्य के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत, मार्च 1992 में किर्गिज़ गणराज्य के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले राष्ट्रों में से एक है। जुलाई 2015 और जून 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किर्गिज़ गणराज्य की यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों में रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ोत्तरी की है।
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भारत और किर्गिज़ गणराज्य के बीच व्यापार में हो रही लगातार वृद्धि पारस्परिक हित में योगदान देती है। किर्गिज़ गणराज्य का बाजार साल दर साल भारतीय निवेशकों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए आकर्षक होता जा रहा है। वर्तमान में भारतीय पक्ष की भागीदारी के साथ 300 से अधिक कंपनियां किर्गिस्तान में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी