Breaking News

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से निकटता के कारण स्व. जमुना प्रसाद का उपनाम “बोस” पड़ा : के. विक्रम राव

लखनऊ। वयोवृद्ध श्रमजीवी पत्रकार, उत्तर प्रदेश शासन में तीन बार काबीना मंत्री रहे, स्वतंत्रता सेनानी (1942) तथा लोकतंत्र प्रहरी (1975-77) स्व. जमुना प्रसाद बोस की अंतिम रस्म आज प्रातः पूरे राजकीय सम्मान के साथ लखनऊ के विद्युत् शवदाह गृह में पूरी की गयी। उनका लखनऊ के लोहिया कोविद अस्पताल में कल निधन हो गया था। वे 95 वर्ष के थे, उनके तीन पुत्र हैं।

श्री बोस बांदा में लखनऊ के दैनिक “नेशनल हेराल्ड” तथा ‘नवजीवन’ के 40 वर्ष तक बुन्देलखण्ड संवाददाता रहे। “भारत छोडो आन्दोलन” (1942) तथा आपातकाल (1975-77) में वे जेल में रहे। उनका जन्म निगम परिवार में हुआ था। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से निकटता के कारण उनका उपनाम “बोस” पड़ गया।

राजनीतिक तथा वित्तीय इमानदारी में बोस जी का उदाहरण बेजोड़ था।

चार बार विधायक और तीन बार काबीना मंत्री रहकर भी वे आजीवन किराए के दो कमरों वाले आवास में ही रहे। समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव द्वारा घर बनवा देने का प्रस्ताव बोस जी ने अस्वीकार कर दिया था। बोस जी इंडियन फेडरशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के चार दशकों तक निर्वाचित राष्ट्रीय पार्षद रहे। वे यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के पचास वर्षों तक सदस्य रहे।

उन्होंने चित्रकूट में 2 अक्टूबर 1978 (गाँधी जयंती) के दिन नेशनल कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ न्यूज़पेपर्स एण्ड न्यूज़ एजेंसीज एम्प्लाइज के स्थापना-अधिवेशन को आयोजित किया था। इसका उद्घाटन (मोरारजी काबीना में पेट्रोल मंत्री) हेमवती नंदन बहुगुणा ने किया था। समाचारपत्र तथा संवाद समिति श्रमिकों के इस सम्मेलन में IFWJ, आल इंडिया न्यूज़पेपर्स एम्प्लाइज फेडरशन (AINEC) तथा पीटीआई एम्प्लाइज फेडरशन शामिल थे। बोस जी के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा शिवपाल सिंह यादव आदि ने शोक व्यक्त किया।

रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी

About Samar Saleel

Check Also

सीने में दर्द होना हर बार हृदय की समस्या नहीं, ये भी हो सकते हैं कारण

हृदय रोगों का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। कुछ दशकों ...