परिस्थितियां अनेक प्रयोगों को प्रोत्साहित करती है। लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय में कोरोना आपदा के दौर में कई सकारात्मक प्रयोग किये गए। इस क्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ विश्वविद्यालय की पहल पर ‘मास्क बैंक’ की स्थापना की गई। इसकी शुरुआत उत्साहजनक रही। शुरुआत में ही पांच हजार मास्क जमा हो गए। इनको जरूरतमन्दों में वितरित किया जाएगा। मास्क बैंक का उद्घाटन कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने प्रशासनिक भवन में किया गया। उन्होंने कहा कि कहा कि कोविड-19 की विभीषिका के बीच जागरुकता एवं जन-सहायता के अनेक कार्य राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ विश्वविद्यालय ने किए हैं। मास्क बैंक इसी क्रम में एक सराहनीय कदम है। इससे ज़रूरतमंदों की सहायता हो सकेगी।
सामाजिक दूरी एवं मास्क का उपयोग कोरोना संक्रमण से बचने के दो कारगर उपाय हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना,लखनऊ विश्वविद्यालय न केवल इस हेतु जागरुकता अभियान शुरू से ही चला रहा है। निःशुल्क मास्क वितरण का यह कार्य भी सराहनीय है। प्रो राय ने कहा कि किसी भी संस्था का समाज के साथ जुड़ाव अत्यंत आवश्यक है। समाजहित के कार्य से ही संस्था मानवता के हित की ओर निरंतर अग्रसर होगी। इससे परोक्षतः देशहित का कार्य भी सम्पादित होता रहेगा। उन्होंने इस योजना की रूपरेखा तैयार करने एवं इसे व्यावहारिक रूप में परिणत करने हेतु डॉ. राकेश द्विवेदी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के समस्त कार्यक्रम अधिकारियों, वालंटियर्स एवं विश्विद्यालय के छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने विश्विद्यालय के सभी शिक्षको का आह्वाहन किया कि वह अपनी क्षमतानुसार विश्विद्यालय के मास्क बैंक में मास्क जमा करवा सकते हैं, जिससे कि अधिक से अधिक मास्क जरूरतमंद लोगों में वितरित किये जा सकें इस अवसर पर कुलपति द्वारा कर्मचारियों को मास्क भी वितरित किये गए। राष्ट्रीय सेवा योजना, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ इकाई के समन्यवक डॉ. राकेश द्विवेदी ने कोविड-19 महामारी की विभीषिका के बीच राष्ट्रीय सेवा योजना,लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व की कार्ययोजनाओं का उल्लेख किया। बड़ी संख्या में मास्क आज से यह राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यालय से वितरण के लिए उपलब्ध होगा।
कोई भी ज़रूरतमंद व्यक्ति स्वयं अपने लिए तथा परिवार के सदस्यों के लिए किसी भी कार्यदिवस में लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यालय में आकर यह मास्क प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन, कुलानुशासक प्रो. दिनेश कुमार, चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पाण्डेय, आईपीपीआर निदेशक डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, डॉ. संजय मेधावी, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. महेन्द्र अग्निहोत्री, डॉ. ओपी शुक्ला, डॉ. राहुल पाण्डेय, डॉ. राजेन्द्र वर्मा, डॉ. केया पाण्डेय, डॉ. मोहिनी गौतम एवं अन्य शिक्षक व कर्मचारीगण कर्मचारी उपस्थित रहे।