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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा बयान, कहा महंगाई BJP की ‘भौजाई’

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को महंगाई और बेरोजगारी के मसले को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते वक्त बहक गए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी महंगाई को ‘डायन’ कहा था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि महंगाई BJP की ‘भौजाई’ बन गई है।

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चतरा जिले में ‘खतियानी जोहार यात्रा’ के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए सोरेन ने आरोप लगाया कि भाजपा ने 20 साल तक झारखंड पर शासन किया, लेकिन किसी भी आदिवासी मुख्यमंत्री को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे जब एक आदिवासी अब राज्य की कमान संभाल रहा है, तो भाजपा उसकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।

महंगाई BJP की 'भौजाई'

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- संप्रग के शासन के दौरान कीमतों में मामूली वृद्धि पर हंगामा करने वाली भाजपा अब एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,000 रुपये से अधिक और एक लीटर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये से अधिक होने पर चुप है।

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भाजपा को तब महंगाई ‘डायन’ के रूप में नजर आ रही थी। अब ऐसा लगता है कि महंगाई उसकी ‘भौजाई’ बन गई है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में विपक्ष उनकी सरकार को गिराने की साजिश रच रहा है, क्योंकि वह नहीं चाहता कि झारखंड आगे बढ़े।

हेमंत सोरेन ने कहा- भाजपा ने झारखंड पर 20 साल तक शासन किया, लेकिन राज्य देश के सबसे पिछड़े राज्यों में से एक रहा। भाजपा ने गुजरात और महाराष्ट्र पर भी शासन किया, लेकिन वे राज्य आगे बढ़ गए।

जबकि झारखंड को पीछे धकेल दिया गया, क्योंकि किसी भी आदिवासी को मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री एक आदिवासी थे, लेकिन उन्हें तीन साल पूरा करने से पहले ही पद से हटा दिया गया था।

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मुख्यमंत्री ने कहा- किसानों और मजदूरों के पढ़े-लिखे बच्चे बैंकों और रेलवे से जुड़ते थे, लेकिन अब बैंकों की संख्या कम कर दी गई है। रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है। वहीं भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी पर ‘खोखली टिप्पणी’ की है।

जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमत 10 रुपये प्रति लीटर कम की और राज्यों को वैट कम करने के लिए कहा, तो झारखंड ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसी तरह हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने झारखंड में हर साल पांच लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में केवल 357 सरकारी नौकरियां दी हैं।

सोरेन ने कहा कि बाद में एक और आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन उन्हें भी तीन साल से ज्यादा इस पद पर नहीं रहने दिया गया। अब एक और आदिवासी राज्य की कमान संभाल रहा है तो वे सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं।

रक्षा बलों, बैंकों और रेलवे में नौकरी के अवसर कम हो गए हैं। पहले किसानों और मजदूरों के बेटे रक्षा बलों में शामिल होते थे, लेकिन अब, अग्निवीर योजना शुरू की गई है, जो केवल चार साल के लिए रोजगार की गारंटी देती है।

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