दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण को यातायात के लिए खोले जाने के बाद अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने 15 फरवरी (रात 12 बजे) से टोल टैक्स वसूलने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही दूरी के हिसाब से टोल दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं।
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हरियाणा और राजस्थान में संचालित टोल प्लाजा पर दूसरे के हिसाब से टोल वसूला जाएगा। सबसे अधिक 90 रुपये एक्सप्रेसवे के पहले चरण में सिर्फ 19.8 किलोमीटर चलने के लिए देने होंगे। सोहना से प्रवेश करने वाले वाहनों को वेस्टर्न पेरिफेरल स्थित खलीलपुर लूप पर उतरने पर यह टोल भरना होगा।
यह एक्सप्रेसवे छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा और कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।
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1,386 किलोमीटर की लंबाई वाला दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 12 प्रतिशत घटाकर 1,424 किलोमीटर से 1,242 किलोमीटर कर देगा।
इससे दोनों महानगरों के बीच यात्रा समय में 50 प्रतिशत की कमी आएगी। दिल्ली से मुंबई जाने में वर्तमान में 24 घंटे का समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद इसको पूरा करने में करीब 12 घंटे लगेंगे।
एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि टोल का निर्धारण दूरी के साथ ही सड़क निर्माण में स्ट्रेक्चर (ढांचा) को देखकर तय किया जाता है। जिस हिस्से में ढांचे के रूप में पुल, रेलवे ओवर ब्रिज या फिर अन्य तरह के पुलों का निर्माण ज्यादा होता है। वहां पर लागत अधिक आती है।
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अब सोहना से वेस्टर्न पेरिफेरल तक के हिस्से में पुल व अंडरपास काफी ज्यादा हैं, जिसकी वजह से इस हिस्से में कार से सफर करने पर करीब पौने पांच रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल देना होगा। बाकी अगर राजस्थान स्थित बड़कापारा टोल तक जाते हैं तो 2.19 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से 500 रुपये ही टोल भरना होगा।