झारखंड। इंटरनेशनल फोरम ऑफ पीस अकैडमी और वर्ल्ड पीस फेडरेशन, बांग्लादेश की ओर से, दिनांक 12 फरवरी 2022 को अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल प्रोग्राम में दीपक कुमार चौधरी (दीपक क्रांति) को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि उनके शैक्षणिक, साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों मे अतुलनीय अनवरत योगदान के लिए दी गयी है।
दीपक क्रांति, बांग्लादेश और ब्राज़ील देशों की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले झारखण्ड के प्रथम व्यक्ति हैं। यह झारखण्ड सहित सम्पूर्ण भारत के लिए विशेष सम्मान की बात है। गौरतलब है कि दीपक को राष्ट्रपति सम्मान के अलावा राजस्थान साहित्य अकादमी, दलित साहित्य अकादमी अवॉर्ड दिल्ली से भी साहित्यकार और शिक्षक के रूप में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। इसके पहले, दीपक क्रांति को भी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्कॉलर (बेंगलुरु), हरियाणा कला अकादेमी की तरफ़ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
दीपक क्रांति बदलाव मंच राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय साहित्यिक सामाजिक संगठन के संस्थापक भी हैं। साथ ही वो एक कवि, लेखक और शिक्षक भी हैं। इतना ही नहीं, दीपक ‘झारखंड गौरव’ सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं। साथ ही, 400 से अधिक उपाधियों से भी सम्मानित हो चुके हैं। उनकी इन उपलब्धियों पर बदलाव मंच राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. रूपा व्यास समेत, बदलाव मंच ट्रस्ट अध्यक्ष रूपक क्रांति, रूपेश क्रांति, प्रकाश मधुबनी, सत्यम भास्कर, गीता पांडेय, जितेंद्र पांडेय सहित सभी शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी है। इन सब के अलावा दीपक क्रांति की मांँ, नाना-नानी, मोहन चौधरी, के अलावा घर-परिवार के सदस्यों के साथ परमाणु ऊर्जा विभाग के सभी कर्मचारियों ने हर्ष व्यक्त किया है। वहीं, राजस्थान के रावतभाटा के रुपा व्यास के शुभचिंतकों ने भी उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।
Report- Anshul Gaurav