नई दिल्ली। जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट 19 जनवरी को सुनवाई करेगा। मंगलवार को जज के छुट्टी पर रहने के चलते सुनवाई नहीं हो सकी है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने तकरीबन तीन साल बाद, भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) समेत 9 अन्य के खिलाफ सोमवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस ने उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया है।
JNU परिसर में 9 फरवरी 2016 को
कन्हैया कुमार ने आरोप पत्र को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इसे दायर किये जाने पर इसके समय को लेकर सवाल उठाया है। पुलिस ने जेएनयू परिसर में 9 फरवरी 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर दायर 1200 पन्ने के आरोपपत्र में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य को भी आरोपी बनाया है।
देशद्रोह के लिये अधिकतम सजा आजीवन कारावास
आरोप पत्र मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित आनंद के समक्ष दायर किया गया। JNU देशद्रोह मामले में आरोपपत्र का संज्ञान लेना या नहीं लेना मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पर निर्भर करेगा। देशद्रोह के लिये अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
पुलिस के पास वीडियो क्लिप
पुलिस ने दावा किया कि उसके पास अपराध को साबित करने के लिये वीडियो क्लिप है। जिसकी गवाहों के बयानों से पुष्टि हुई है। पुलिस का कहना है कि कन्हैया कुमार जुलूस की अगुवाई कर रहे थे और उन्होंने JNU परिसर में फरवरी 2016 में देश विरोधी नारे लगाए जाने का कथित तौर पर समर्थन किया था।