नई दिल्ली: कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने गति सीमा का उल्लंघन करते हुए हजारों यात्रियों की जान खतरे में डाल दी। आगरा रेल मंडल के मथुरा रेलखंड के 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के आदेश को लोको पायलट भूल गए। इस रेलखंड में उन्होंने ट्रेन पूरी स्पीड से गुजारी। इसकी जानकारी मिलने पर रेलवे ने दोनों लोको पायलटों को निलंबित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक रेलवे ट्रैक की स्थिति, ट्रैक मरम्मत, पुराने रेलवे पुल और स्टेशन यार्ड रिमॉडलिंग के लिए रेलवे ने मथुरा रेलखंड में गति प्रतिबंध लगाया था। इस ट्रैक से 20 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन गुजारी जानी थी। लेकिन कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट गति प्रतिबंध को भूल गए। उन्होंने ट्रैक से पूरी रफ्तार से ट्रेन गुजार दी। इसके चलते ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों की जान खतरे में पड़ गए। आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर दोनों लोको पायलट के खिलाफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
दो महीने में तीसरी बार हुई घटना
आगरा रेल मंडल में बीते दो महीने में तीसरी बार किसी ट्रेन के चालक दल ने गति प्रतिबंध का उल्लंघन किया है। इससे पहले मई 2024 में आगरा रेलखंड में ही मालवा और गतिमान एक्सप्रेस के चालकों ने गति सीमा का उल्लंघन किया था। चालकों की 20 किमी प्रतिघंटा की जगह यहां से 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई थी। आगरा रेल मंडल में बार-बार हो रहीं ऐसी घटनाओं से साफ है कि लोको पायलट किसी तनाव से जूझ रहे हैं। रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि लगातार हो रही इस भूल के चलते कोई बड़ा हादसा हो इससे पहले रेलवे बोर्ड को मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम को भेजना चाहिए।
आखिर कैसे हुई भूल
रेलवे के नियमों के मुताबिक जब लोको पायलट और सहायक लोको पायलट किसी स्टेशन से ट्रेन लेकर चलते हैं, तो इंजन में चढ़ने से पहले उनको ऑपरेटिंग विभाग पूरा रूट चार्ट और गति सीमा की चेतावनी की जानकारी देता है। इसके अनुसार उनको ट्रेनों का संचालन करना होता। जब संबंधित सेक्शन आने वाला होता है तो सहायक लोको पायलट को संबंधित चेतावनी के बारे में लोको पायलट को जानकारी देनी होती है। लोको पायलट इसे दोहराता है। मगर इस मामले में यह हैरानी की बात है कि दोनों चालक इसे कैसे भूल गए?