प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महीनों बाद काशी आगमन के लिये कार्तिक पूर्णिमा का दिन निर्धारित किया था। सम्भवतः वह मां गंगा की आरती, देव दीपावली, काशी विश्वनाथ मंदिर के पूजन आदि में सहभागी होना चाहते थे। एक बार फिर लगा कि इस बात की प्रेरणा उनको मां गंगा से ही मिली थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही सभी कार्यक्रमों की व्यवस्था को काशी जाकर देखा था। वैसे भी वह भव्यता के साथ उत्सव आयोजन को तीर्थाटन व पर्यटन विकास से जोड़कर देखते है। इसी के अनुरूप उनके प्रयास भी रहते है। मथुरा वृंदावन की होली,अयोध्या का दीपोत्सव,काशी की देव दीपावली आदि को वह इसी रूप में देखते है।
पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि अयोध्या के दीपोत्सव के उपरान्त काशी की देव दीपावली का भव्य कार्यक्रम और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। काशी में धार्मिक, आध्यात्मिक,शैक्षणिक पर्यटन की दृष्टि से लोग आते हैं। यहां का संदेश पूरे विश्व में जाता है। देव दीपावली पर पन्द्रह घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन किया गया। इस अवसर पर आयोजित किए जा रहे समस्त कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण किया गया। इसके लिए जगह जगह एलईडी लगाई गई थी।
सारनाथ में भव्य आयोजन
नरेंद्र मोदी सारनाथ के समारोह भी भी सम्मलित हुए। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा सात करोड़ अट्ठासी लाख रुपए की लागत से सारनाथ पुरातत्व परिसर में लाइट एण्ड साउण्ड सिस्टम शो तैयार कराया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत माह लाइट एण्ड साउण्ड सिस्टम शो का लोकार्पण किया गया था। नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ ने सारनाथ पुरातत्व परिसर में स्तूप में लाइट एण्ड साउण्ड शो का अवलोकन किया। अमिताभ बच्चन की आवाज में ‘बुद्धं शरणम् गच्छामि,धम्मं शरणम् गच्छामि’मंत्रों के साथ लाइट एण्ड साउण्ड शो का शुभारम्भ हुआ था।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री