डलमऊ/रायबरेली। डलमऊ तहसील क्षेत्र में नित्य परमिट की आड़ में हरे पेड़ों की धड़ल्ले से कटान की जा रही है। वन विभाग के कर्मचारी इसका ठीकरा उद्यान विभाग में मढ़ कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हुए हरे पेड़ों को रोग ग्रसित व फल विहीन बताकर उनका परमिट जारी कर दिया जाता है। और ठेकेदार किसानों से औने पौने दामों पर पेड़ खरीद कर हरियाली को मिटाने में जुटे हुए हैं। सोमवार को डलमऊ के शिवपुरी में दो आम के हरे विशाल पेड़ काटे जा रहे थे। ठेकेदार परमिट होने का राग अलाप रहे थे।
जबकि पेड़ों को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता था कि पेड़ हरे एवं फल देने योग्य है। इसी प्रकार आए दिन हरे पेड़ों की परमिट जारी करके वन विभाग के कर्मचारी उद्यान विभाग पर आरोप लगाकर परमिट जारी कर रहे हैं। पुलिस अपना हिस्सा लेकर अपना राग अलाप रही है। हरे पेड़ों की परमिट जारी होने के विषय में जब डलमऊ के वन रेंजर हरिओम बाजपेई ने बताया कि दो आम के हरे पेड़ों की परमिट जारी की गई है। जिसमें उद्यान विभाग की रिपोर्ट लगी हुई है बिना उद्यान विभाग की रिपोर्ट के परमिट जारी नहीं की जा सकती रोग ग्रसित है या हरे हैं इसकी जानकारी मुझे नहीं है।
परमिट जारी करते समय यह निर्देश दिया जाता है कि पेड़ों की कटान के समय वनविभाग का एक कर्मचारी मौके पर होना आवश्यक है। लेकिन पेड़ों के कटान के समय मौके पर कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं रहता है। पेड़ों के काटने के बदले में 10 नए पेड़ लगाने के भी निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होता। ठेकेदार पेड़ काटकर अन्य पेड़ों के कटान की जुगत में लग जाते हैं। वही किसान देवता दिन की पत्नी ने मौके पर बताया कि उनकी गेहूं के खड़ी हुई फसल में पेड़ को काटकर गिरा दिया जिससे उनकी फसल का भी काफी नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा