एक ऐसा बैंक खाता जिसे दो या उससे अधिक लोग मिलकर चलाते हैं ज्वाइंट एकाउंट कहलाता है. आम तौर पर बिजनेस पार्टनर, दोस्त, पति-पत्नी, परिवारों के सदस्य संयुक्त खाते खोलते हैं. खाताधारकों में से कोई भी ज्वाइंट खाते में जमा धन वापस ले सकता है. प्रत्येक खाताधारक के नाम वाले डेबिट कार्ड भी अलग से जारी किए जा सकते हैं. भारत में सेविंग अकाउंट की पेशकश करने वाले सभी बैंक संयुक्त खाते भी देते हैं. हालांकि कुछ बैंक ऐसे खातों के मामले में चार संयुक्त धारकों को अनुमति देते हैं.
जॉइंट अकाउंट सामान्य खातों की तरह ही होता है. यह स्थायी या अस्थायी हो सकता है. सबसे सामान्य प्रकार का जॉइंट अकाउंट किसी भी दो व्यक्तियों के बीच लागू होता है. यदि दो लोगों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है तो कोई भी खाता संचालित कर सकता है.
एनिवन या सर्वाइइव
– यह खाता तब मान्य होता है जब दो से अधिक व्यक्ति संयुक्त रूप से खाता शुरू करते हैं.
– कोई भी जमाकर्ता किसी भी समय खाते का संचालन कर सकता है.
– जमाकर्ताओं में से यदि किसी एक कि मृत्यु हो जाती है तो अन्य खाते के साथ जारी रख सकते हैं.
फॉर्मर या सर्वाइवर
– इसमें केवल पहला खाताधारक ही खाता संचालित कर सकता है.
– पहले खाताधारक के निधन पर दूसरे खातेदार को ही अधिकार मिलता है. इसके कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होता है जैसे मृत्यु का प्रमाण प्रस्तुत करना आदि.
नाबालिग खाता
एक अभिभावक के साथ संयुक्त रूप से एक नाबालिग के नाम से एक बचत बैंक खाता भी खोला जा सकता है. यहां अभिभावक को नाबालिग की ओर से खाते का संचालन करना चाहिए.