नवरात्रों में आजकल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में भद्रकाली देवीकूप मंदिर में भी काफी भीड़ हो रही हैं। यहां पर भक्तों के साथ बडी संख्या में घोड़े भी दिखाई दे रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों होता है। यहां पर घोड़े क्यों चढ़ाएं जाते हैं। ऐसे में इस अनोखे मंदिर के बारे में जानने के लिए यहां पर पढ़ें…
मन्नत पूरी होती
जी हां हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्िथत भद्रकाली देवीकूप मंदिर को शक्तिपीठ मां काली के आठ स्वरूपों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर माता का दायां टखना गिरा था। जिसके बाद यहां पर भद्रकाली देवीकूप मंदिर बना था। इन दिनों यहां पर सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी भक्त माता रानी के दर्शन के लिए आ रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग माता रानी के आगे अर्जियां लगा रहे हैं। वहीं बहुत से लोग मन्नत पूरी होने पर घोड़े भी चढ़ा रहे हैं। चैत्र नवरात्रों में यहां पर मेला भी लगता है। यहां के बारे में लोगों की आस्था है कि माता रानी अपने भक्तों की हर एक मन्नत को पूरी करती हैं।
अलग-अलग भ्रांतियां
वहीं भक्त भी मनोकामना पूरी होने पर माता रानी के मंदिर में सोने, चांदी व मिट्टी जैसी किसी भी चीज से बने घोड़े चढ़ाते हैं। हालांकि मंदिर को लेकर यहां के क्षेत्रीय लोगों में अलग-अलग भ्रांतिया हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर श्रीकृष्ण और बलराम का मुंडन संस्कार करवाया गया था। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से इस मंदिर में विजय के बाद जाने को कहा था। जिसके श्रीकृण के कहे अनुसार अर्जुन ने युद्ध में विजय पाने के बाद मां भद्रकाली को अपने घोड़े अर्पित किए थे।