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जानिए कानपुर में तेंदुए की दहशत, अर्मापुर में अग्निवीर अभ्यर्थियों को पुलिस ने किया अलर्ट

कानपुर में आईआईटी और एनएसआई के बाद तेंदुए ने अपना नया ठिकाना अर्मापुर की आर्डिनेंस फैक्टरियों को बना लिया है। मंगलवार देर रात स्मॉल आर्म्स फैक्टरी के वाच टॉवर में तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने परिसर में घूमते तेंदुए को देखा। यहां करीब चार घंटे टहलने के बाद तेंदुआ एसएएफ से सटे आर्डिनेंस फैक्टरी कानपुर के अंदर घुस गया। देर रात तक वनविभाग की टीमें तलाश में जुटी थीं। बुधवार को प्रूफ रेंज न खोलने के आदेश जारी किए गए हैं।

अर्मापुर में तेंदुए की चहलकदमी से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस और सैन्य अधिकारियों के लिए भी तेंदुआ चुनौती बन गया है क्योंकि यहीं पर स्थित आरमरीना स्टेडियम में अग्निवीर की भर्तियां चल रही हैं। हजारों छात्र रात 12 से सुबह तक इसी इलाके में टिके हैं और खुले आसमान के नीचे रात काट रहे हैं। अर्मापुर इस्टेट में हजारों की आबादी रहती है।

तेंदुए की पुष्टि के बाद देर रात पुलिस ने पूरे इलाके की कॉम्बिंग के साथ जीप से अलर्ट जारी किया कि अर्मापुर में तेंदुआ घुस आया है। अर्मापुर इस्टेट निवासी और अग्निवीर में आए अभ्यर्थी सतर्क रहें। बेवजह घर से बाहर न निकलें और न ही परिजनों को घूमने दें। अभ्यर्थी समूह में रहें और सुरक्षित रहें।

एनएसआई का फॉर्म नंबर तीन तेंदुआ का घर बन गया है। उसके के लिए वहां पानी के साथ शिकार का भी पूरा इंतजाम है। तेंदुआ आसानी से वनरोज व सुअर को मारकर अपनी भूख मिटा रहा है और ड्रेन से पानी पी रहा।

इसीलिए उसकी चहलकदमी कई-कई दिन तक नजर नहीं आती है। उसे पकड़ने को अब वन विभाग ने भी हथियार डाल दिया है। टीम अब खुद तेंदुआ के फंसने का इंतजार कर रही है। हालांकि टीम के सदस्य एनएसआई के साथ आईआईटी में भी तैनात किए गए हैं, जिससे तेंदुआ की चहलकदमी को शहर की ओर बढ़ने से रोका जा सके।

26 अक्तूबर को तेंदुआ पहली बार आईआईटी में नजर आया था। फिर आईआईटी से लेकर एनएसआई तक चहलकदमी दिखती रही। वन विभाग के साथ आगरा से आई टीम ने उसे पकड़ने के लिए अभियान चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। टीम के मुताबिक तेंदुआ इस क्षेत्र को अपना समझ रहा है।

उसने एनएसआई को अपना घर बना रखा है। फॉर्म नंबर तीन के पास एक ड्रेन है, जहां अक्सर जानवर पानी पीने आते हैं। तेंदुआ को वहीं पर शिकार व पानी मिल जाता है। अब तक ड्रेन के आसपास तीन जानवर भी मिले हैं, जिनका शिकार तेंदुआ ने किया था।

डीएफओ श्रद्धा यादव ने कहा कि अब वन विभाग की टीम सिर्फ निगरानी कर रही है। क्योंकि अब तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करना मुश्किल है। अब टीम के पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा है कि वह तेंदुआ के खुद फंसने का इंतजार करें। क्योंकि उसे एनएसआई में जंगल के समान वातावरण मिल रहा है।

अभी तक आईआईटी और एनएसआई के बीच ही चहलकदमी कर रहा तेंदुआ यहां से करीब दस किलोमीटर दूर अर्मापुर पहुंच गया। माना जा रहा है कि उसने नहर किनारे से इतना लंबा सफर तय किया। शाम 610 बजे एसएएफ गार्डों ने देखा और सिक्योरिटी प्रभारी कर्नल सेंगर को जानकारी दी। तेंदुआ टहलते हुए फैक्टरी के एलबी-7 सेक्शन तक पहुंच गया, जहां रिवाल्वर के पार्ट बनते हैं। कर्नल सेंगर फैक्ट्री पहुंचे और अलर्ट जारी कर दिया।

इस बीच, देर रात तेंदुआ बगल में सटे ओएफसी के परिसर में कूद गया। रेस्क्यू में लगी डॉ. नासिर और डॉ. नितेश कटियार की टीमें ट्रेंकुलाइजर गनों के साथ मौके पर पहुंचीं। आगरा से आई विशेषज्ञों से लैस एसओएस टीम भी देर रात फैक्टरी पहुंच गई थी। खंडहर और जंगल में तेंदुए के पदचिह्न मिले हैं।

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