वेस्टइंडीज़ के खिलाफ T20 में डेब्यू करने के साथ ही अपने आक्रामक बल्लेबाज़ी वाले अंदाज़ से सबका ध्यान अपनी ओर खींचने वाले विस्फोटक बल्लेबाज तिलक वर्मा को लेकर शीर्ष ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने राष्ट्रीय चयनकर्ता और टीम प्रबंधन से अपील की है कि वे तिलक वर्मा जैसी प्रतिभा पर भरोसा करते हुए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को वर्ल्ड कप (World Cup) की टीम में शामिल करें। क्योंकि, कई बल्लेबाजों के चोटों से उबरने के कारण वह मध्य क्रम में भारत की मुश्किलों को दूर कर सकते हैं।
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इस तरह की अटकलें हैं कि अगर श्रेयस अय्यर एशिया कप से पहले नहीं उबरते हैं तो अजित अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति तिलक वर्मा को एशियाई खेलों की टीम से हटाकर 30 अगस्त से शुरू हो रहे महाद्वीपीय क्रिकेट टूर्नामेंट में खिलाकर उन्हें विश्व कप के लिए तैयार कर सकती है। अश्विन के रुख का चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी समर्थन किया, जिन्हें अंतिम 15 में तिलक वर्मा की मौजूदगी में कोई समस्या नहीं है, बशर्ते अय्यर टीम में जगह नहीं बना पाएं।
हैदराबाद के इस 20 साल के खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में 39, 50 और नाबाद 49 रन की पारियों खेलकर सभी को प्रभावित किया है। रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘विश्व कप को लेकर उसकी दावेदारी मजबूत है। अगर हमारे पास पर्याप्त बैकअप नहीं हुए तो क्या वे विकल्प के रूप में तिलक वर्मा के नाम पर विचार करेंगे? क्योंकि संजू सैमसन ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन, तिलक वर्मा के बारे में रोमांचक चीज यह है कि वह बाएं हाथ का बल्लेबाज है और टीम इंडिया में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की कमी है। शीर्ष सात में जड्डू (रविंद्र जडेजा) बाएं हाथ का एकमात्र बल्लेबाज है।
लोकेश राहुल (जांघ की सर्जरी) और अय्यर (कमर की सर्जरी) के पास पांच अक्टूबर से शुरू हो रहे विश्व कप के लिए फिट होने के लिए पर्याप्त समय नहीं है, जबकि बैकअप के तौर पर टीम में शामिल सूर्यकुमार यादव और सैमसन भी चौथे नंबर पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। सैमसन ने काफी मौके गंवाए हैं और अगर राहुल फिट होते हैं तो निश्चित तौर पर इशान किशन दूसरे विकेटकीपर और रिजर्व सलामी बल्लेबाज होंगे। अश्विन ने वर्मा को चुनने का तर्क यह दिया कि अधिकांश देशों के पास अंगुली के अच्छे स्पिनर नहीं हैं जो बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान कर सकें।
उन्होंने कहा, सभी शीर्ष टीम के स्पिनरों को देखिए. ऑस्ट्रेलिया के पास एशटन एगर है. इंग्लैंड के पास माईन अली और लेग स्पिनर आदिल राशिद है। अधिकाश टीम के पास बाएं हाथ के बल्लेबाजों को चुनौती देने के लिए अंगुली से स्पिन कराने वाला गेंदबाज नहीं है। यही कारण है कि तिलक महत्वपूर्ण है।
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पिछले एकदिवसीय विश्व कप के दौरान भारतीय चयन समिति के प्रमुख रहे एमएसके प्रसाद का मानना है कि वर्मा जैसा खिलाड़ी सक्षम एकदिवसीय खिलाड़ी है। प्रसाद ने कहा, हैदराबाद के लिए उसका लिस्ट ए रिकॉर्ड देखिए। उसने 25 लिस्ट ए मैच खेले हैं और उसका औसत 55 (56.18) से अधिक है। उसने पांच शतक और पांच अर्धशतक बनाए हैं. इसका मतलब है कि कम से कम 50 प्रतिशत बार वह अर्धशतक को शतक में बदल रहा है। उसका स्ट्राइक रेट 100 से अधिक है।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह बुरा विचार नहीं है बशर्ते श्रेयस टीम में जगह नहीं बनाए। तभी आप वर्मा के बारे में सोच सकते हो लेकिन, मुझे यकीन है कि भविष्य में वह सफेद गेंद के प्रारूप में भारत का नियमित खिलाड़ी होगा। पंजाब किंग्स के डग आउट में बैठकर मुंबई इंडियन्स की ओर से वर्मा के शानदार प्रदर्शन को देखने वाले भारत के पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने अपनी पहली तीन पारियों में कभी किसी युवा बल्लेबाज को इतना आश्वस्त नहीं देखा।
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‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से बात करते हुए जाफर ने कहा कि फैसला करने का समय आ गया है क्योंकि विश्व कप शुरू होने से पहले सिर्फ नौ मैच बचे हैं. उन्होंने कहा, आदर्श स्थिति में हम चाहते कि खिलाड़ी को 15 से 20 मैच मिलें। हमें उम्मीद थी कि श्रेयस और राहुल एशिया कप के लिए तैयार होंगे लेकिन हम पढ़ रहे हैं कि वे एशिया कप (के लिए तैयार नहीं हो पाएंगे और हमें नहीं पता कि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए उपलब्ध होंगे क्योंकि हमें नहीं पता कि उनकी चोट कितनी गंभीर है। अगर आप किसी खिलाड़ी को परखना चाहते हो तो तिलक वर्मा क्यों नहीं? जो भी खिलाड़ी खेलेगा वह पर्याप्त रूप से तैयार नहीं होगा, तो फिर तिलक वर्मा क्यों नहीं। मैं उस पर दांव लगाऊंगा।