यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल होने के बाद देश-दुनिया में गुजरात के गरबा की धूम देखने को मिल रही है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर के विश्व पटल पर छा जाने की खुशी में दुनियाभर के विभिन्न देशों में स्थित भारतीय दूतावास ने पिछले कई दिनों के दौरान शानदार कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
न्यूयॉर्क में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ‘क्रॉसरोड्स ऑफ द वर्ल्ड’ में एक गरबा समारोह का आयोजन किया। अमेरिका के विख्यात टाइम्स स्क्वायर में भारतीय मूल के लोगों के साथ स्थानीय लोग भी गरबा नृत्य पर झूमते नजर आए। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने गरबा नृत्य की तस्वीरों के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा भारतीय समुदाय ने यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में नारी देवत्व को दर्शाने वाले पारंपरिक गरबा नृत्य को शामिल करने का जश्न मनाया।
वहीं मेक्सिको सिटी में भारतीय दूतावास और गुरुदेव टैगोर भारतीय सांस्कृतिक केंद्र ने भारतीय दूतावास सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गरबा प्रदर्शन के साथ एक फ्लैश मॉब का आयोजन किया। गरबा फ्लैश मॉब में भारतीय प्रवासी कलाकार और सांस्कृतिक केंद्र के छात्र शामिल हुए।
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नामीबिया में उच्चायोग के सांस्कृतिक हॉल में भी गरबा कार्यक्रम हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। त्रिनिदाद एवं टोबैगो में महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर कल्चरल को-ऑपरेशन में गरबा और डांडिया पर एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें भारतीय प्रवासियों, विशेषकर गुजराती समुदाय ने बड़े उत्साह से भाग लिया।
इसके अलावा रूस, जापान, न्यूजीलैंड, स्विटजरलैंड, आइसलैंड, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, बोत्सवाना, भूटान, पुर्तगाल, आर्मेनिया, स्कॉटलैंड, म्यांमार, वेनेजुएला, वियतनाम, ट्यूनीशिया, कोलंबिया, जेद्दा, फ्रैंकफर्ट, जिम्बाब्वे, व्लादिवोस्तोक, ह्यूस्टन, माल्टा, अंगोला, बीरगंज, यूएई, तुर्किए, नामीबिया, बहरीन, सीरिया, केन्या, यूगांडा, जिबूती, लेबनान, कंबोडिया, कतर, पनामा, मेडागास्कर, डेनमार्क, यूक्रेन, चेक गणराज्य, जाम्बिया, उज्बेकिस्तान, इराक, मिस्त्र, अटलांटा, टोरंटो, क्यूबा, चिली, दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, बेल्जियम आदि देशों में आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में भारतीय समुदाय के सदस्यों ने गरबा प्रस्तुति दी।
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गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने ‘गुजरात के गरबा’ को अंतरराष्ट्रीय पहचान देते हुए अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (आईसीएच) घोषित किया है। आईसीएच की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति की 18वीं बैठक के दौरान 2003 के कन्वेंशन के प्रावधानों के तहत गरबा को इस सूची में जगह मिली है।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी