लखनऊ। कुलपति प्रो जेपी पाण्डेय के कुशल निर्देशन में ख्वाजा ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ की फैकल्टी ऑफ फार्मेसी के डीफार्मा प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने शैक्षिक गतिविधियों के अंतर्गत भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भ्रमण आज 6 फरवरी 2025 को किया।
इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन, और अपशिष्ट निपटान की आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्रदान करना था। डॉ आयुष्मान गुप्ता, अधिशासी अभियंता (सिविल) के मार्गदर्शन में छात्रों को अपशिष्ट जल शोधन प्रक्रिया, जैविक और रासायनिक उपचार विधियों, तथा पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) के महत्व पर व्याख्यान दिया गया। छात्रों ने सीवेज ट्रीटमेंट के विभिन्न चरणों जैसे स्क्रीनिंग, सेडेटेशन, एयरेशन, और स्लज मैनेजमेंट का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।
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इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्लांट की कार्यप्रणाली को नजदीक से देखा और विशेषज्ञों से तकनीकी प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। छात्रों ने जल संरक्षण के महत्व और फार्मेसी क्षेत्र में इसके अनुप्रयोगों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों के साथ सहायक आचार्य विनोद कुमार, वरुणा, दिव्यानी सिंह एवं अमर कुमार मिश्रा भी उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को इस प्रकार के व्यावहारिक अनुभवों के महत्व पर बल दिया और कहा कि ऐसे भ्रमण विद्यार्थियों के सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जोड़ने में सहायक होते हैं।
फैकल्टी ऑफ फार्मेसी की निदेशक प्रो शालिनी त्रिपाठी ने इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण को छात्रों के सर्वांगीण शैक्षिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ न केवल छात्रों के ज्ञानवर्धन में सहायक होती हैं, बल्कि उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण को भी विकसित करती हैं।
प्रो त्रिपाठी ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस प्रकार के शैक्षिक एवं औद्योगिक भ्रमण आयोजित करता रहेगा ताकि विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकी और औद्योगिक प्रक्रियाओं से अवगत कराया जा सके। छात्रों ने भी इस शैक्षिक भ्रमण को अत्यंत लाभकारी और प्रेरणादायक बताया और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।