उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने लखनऊ की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल खड़ा करते हुए अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) को एक पत्र लिखा है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को लिखा पत्र लिखकर लखनऊ में लगातार बिगड़ते हालातों पर चिंता जाहिर किया है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे कानून मंत्री के इस पत्र में कानून मंत्री ने राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब हालत पर चिंता जताते हुए सीएमओ कार्यालय के फोन पर रिस्पांस न करने की शिकायत भी की है। उन्होंने लिखा, इतिहासकार पद्मश्री योगेश प्रवीन की लगातार मांग के बाद भी दो घंटे तक एंबुलेंस न मिलना बेहद ही कष्टदायक है। आम आदमी के बारे में हम क्या कहें।
उन्होंने पत्र में लिखा, मैंने लखनऊ के सीएमओ से अनुरोध किया फिर भी एंबुलेंस नहीं मिली। समय से इलाज ना मिलने पर उनकी मौत हो गई, हम सब उनकी मौत के गुनाहगार हैं। उन्होंने कहा कि कोविड जनित परिस्थितियों को यदि शीघ्र नियंत्रित न किया गया तो हमें इसकी रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।
बृजेश पाठक ने पत्र में लिखा कि जिले में प्रतिदिन चार से पांच हजार कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। अस्पतालों में बेड की संख्या बेहद कम है। लखनऊ के प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटरों में जांच बंद करा दी गई है और सरकारी अस्पतालों में कोविड की जांच में कई दिनों का समय लग रहा है। उन्होंने कोरोना जांच 4 से 7 दिन में मिलने पर सवाल उठाते हुए किडनी, लीवर, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए इंतजाम करने को कहा है।
गौरतलब है, देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर भयावह होती जा रही है। लखनऊ समेत प्रदेश के कई जनपदों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है।हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। दिनों दिन बढ़ते आंकड़ों और बेपटरी हो चुकी सरकारी व्यवस्था से नाराज सीएम योगी सरकार में कानून मंत्री ने प्रदेश की राजधानी में लॉकडाउन लगने के संकेत दिए हैं।