Breaking News

बहुत बुरी है abortion की दशा

साल में लगभग एक करोड़ 56 लाख महिलाएं गर्भपात (abortion) कराती हैं। 75 फीसद महिलाएं बिना डॉक्टरी सलाह के ही दवा का सेवन करती है। यह खुलासा द लांसेट ग्लोबल हेल्थ ने भारत में गर्भपात की स्थिति और सुविधा पर शोध के बाद किया है। शोध में उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्य शामिल हैं।

गर्भपात के लिए काफी चुनौतियां:-

शोध में देखा गया कि प्रति एक हजार में से 15 से 49 आयु वर्ग की 47 प्रतिशत महिलाएं गर्भपात कराती हैं।

  • डॉ. मेनका सिंह कहती हैं कि भारत में महिलाओं को गर्भपात के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
  • इसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में गर्भपात की सीमित उपलब्धता भी शामिल है।

प्रशिक्षित कर्मियों की कमी :-


रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशिक्षित कर्मचारियों की कमी और अपर्याप्त आपूर्ति और उपकरण प्राथमिक कारण हैं।

  • अनुमानतः 4.81 करोड़ में से लगभग आधी महिलाएं गर्भधारण के लिए इच्छुक नहीं थीं।
  • हजार में से 70 महिलाएं अनचाहा गर्भधारण करती हैं। इसमें कुछ तो प्रसव तक जाती है।
  • लेकिन 47 महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा लेती हैं।
  • अनचाहे गर्भधारण की दर बंग्लादेश 67 और नेपाल 68 के समान है जबकि पाक 93 की दर से बहुत कम है।

81 फीसद गर्भपात एमएमए से :-

शोधकर्ताओं ने पाया कि 81 फीसद गर्भपात एमएमए (मिफेप्रिस्टोन-मिसोप्रोस्टल) के द्वारा किया जाता है।

  • इनमें 14 प्रतिशत गर्भपात स्वास्थ्य सुविधाओं में शल्य चिकित्सा के लिए किए गए।
  • शेष पांच प्रतिशत, स्वास्थ्य सुविधाओं के बाहर अन्य, आमतौर पर असुरक्षित, विधि का उपयोग किया गया था।
  • शोधकर्ताओं ने कहा कि चार में से तीन महिलाओं ने गर्भपात के लिए एमएमए दवा अनौपचारिक विक्रेताओं से प्राप्त की।

गर्भावस्था की सीमा के भीतर:-

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक एमएमए सुरक्षित और प्रभावी दवा है
  • एक एमएमए आहार जो कि मिसोप्रोस्टोल और मिफेप्रिस्टोन को जोड़ता है, 95 से 98
  • प्रतिशत प्रभावी है।जो नौ सप्ताह की गर्भावस्था की सीमा के भीतर प्रयोग किया जाता है।
  • ग्रामीण और गरीब महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल के लिए सार्वजनिक क्षेत्र ही मुख्य आधार है।
  • केवल 1/4 सार्वजनिक क्षेत्र यह सुविधा देते हैं।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में गर्भपात सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार के लिए कई प्रस्ताव रखे हैं।
  • ताकि प्रशिक्षण और गर्भपात देखभाल प्रदान करने में अधिक डॉक्टर शामिल हों।

शोध किया गया:-
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंस मुंबई, पब्लिक काउंसिल न्यूयार्क अमेरिका, गटचर इंस्टीट्यूट न्यूयार्क, एस. कल्यानवाला स्वतंत्र विशेषज्ञों ने 4001 सरकारी, निजी और एनजीओ डीकेटी इंटरनेशनल, मैरी स्टाप्स इंटरनेशनल, परिवार सेवा संस्थान के अलावा आइएमएस हेल्थ से आंकड़े एकत्र करने के बाद यह शोध किया गया।

About Samar Saleel

Check Also

हर साल 5-6 लाख लोगों की मलेरिया से हो जाती है मौत, क्या इससे बचाव के लिए है कोई वैक्सीन?

मच्छरजनित तमाम प्रकार के रोगों का वैश्विक जोखिम देखा जाता रहा है, मलेरिया इसी तरह ...