लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में जहरीली Liquor शराब पीने से हुई मौतें अत्यंत दुःखद हैं। इसके पीछे भाजपा सरकार की अक्षम्य लापरवाही तथा संवेदनहीनता है। शासन-प्रशासन अवैध शराब के धंधे पर रोक लगाने के बजाय हर दुर्घटना के बाद सिर्फ कागजी लीपापोती करके बैठ जाता है। मृतक आश्रितों को मुआवजा बांटकर ही परिवारों को हुई क्षति पूरी नहीं की जा सकती है। उनके भविष्य की भी चिंता की जानी चाहिए क्योंकि जो जाने गई हैं उनकी दोषी सरकारी व्यवस्था भी है।
Liquor के धंधे ने बहुत सी जाने ली
यह तो सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश में पहले भी ज़हरीली Liquor शराब के धंधे ने बहुत सी जाने ली हैं। आबकारी एक्ट की धाराओं में कड़ी सजाओं का भी प्राविधान है। अभी हाल में मुख्यमंत्री ने ज़हरीली शराब से मौत पर डी.एम. और एस.एस.पी. को भी जिम्मेदार ठहराने का हुक्म सुनाया था। पर यह भाजपा नेतृत्व के फरेबी बयानों की तरह ही साबित हुआ है क्योंकि अब तक तो किसी बड़े अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई नहीं है।
यह बात भी छुपी नहीं है कि अवैध शराब का धंधा अवैध वसूली के लिए पुलिस और आबकारी विभाग की जानकारी में चलता है। इसको सत्ता दल के किसी न किसी नेता का संरक्षण भी मिल रहा होगा। अब तो भाजपा सरकार ने गौ सेवा के नाम पर शराब की ज्यादा से ज्यादा बिक्री बढ़ाने को प्रोत्साहित किया है। मुख्यमंत्री ने जांच और कार्यवाही का आदेश देकर केवल प्रशासनिक खानापूर्ति कर दी है। ऐसी जांचे और आदेश, जब भी ज़हरीली शराब पीने से मौते होती है, जारी होते ही रहते है। देखना है डी.एम. एस.एस.पी. पर कार्यवाही का साहस मुख्यमंत्री जी जुटा पाते हैं या नहीं?