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लोकदल की मांग ओपिनियन पोल पर लगे रोक, कहा- चुनाव की निष्पक्षता हो रही प्रभावित

लखनऊ। पिछले दिनों सपाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने न्यूज़ चैनलों पर दिखाए जाने वाले ओपिनियन पोल को ओपियम पोल कह कर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी। अब राष्ट्रीय लोकदल ने भी ओपिनियन पोल दिखाए जाने पर अपनी असहमति ज़ाहिर की है। लोकदल के राष्ट्रीय सचिव, अनिल दुबे ने, उप्र. के विधान सभा चुनाव के सम्बन्ध में न्यूज चैनलों पर दिखाये जा रहे सभी तरह के ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की

मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस सम्बन्ध में ज्ञापन भी सौंपा

  • अनिल दुबे ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस सम्बन्ध में ज्ञापन भी सौंप दिया है।
  • ज्ञापन में कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग उप्र. विधान सभा चुनाव की घोषणा 8 जनवरी 2022 को कर चुका है। 
  • साथ ही दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश विधान सभा 7 चरणों मेें कराने का निर्णय आयोग ने कर दिया है
  • अन्तिम चरण का मतदान 7 मार्च 2022 को होगा और मतगणना 10 मार्च 2022 को होगी।
  • इसके बावजूद कई न्यूज चैनलों पर विधान सभा चुनाव को लेकर ओपिनियन पोल दिखाये जा रहे हैं।
  • ओपिनियन पोल दिखाकर, चुनाव की निष्पक्षता को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है।
  • इससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है, जो आदर्श आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है।

दुबे की निर्वाचन अधिकारी से मांग, ओपिनियन पोल पर लगे रोक

अनिल दुबे ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से उप्र. में स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव सम्पन्न कराने के लिए उप्र. में न्यूज चैनलों द्वारा दिखाये जा रहे सभी तरह के ओपिनियन पोल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाये जाने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान अनिल दुबे के साथ राष्ट्रीय लोकदल अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव आरिफ महमूद, रालोद के प्रदेश महासचिव रजनीकांत मिश्रा एवं मनोज सिंह चौहान शामिल थे।

Report – Anshul Gaurav

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