लखनऊ। 28 व 29 जुलाई को पीएम मोदी राजधानी लखनऊ में 3800 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। स्मार्ट सिटी, अमृत व प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर राजधानी में शुक्रवार से दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। इसमें देश भर के स्मार्ट सिटी मिशन में चयनित 100 शहरों के मेयर व अफसर शामिल हुए। इसका उद्घाटन केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया। इसमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी प्रधानमंत्री आवास योजना में अच्छा काम करने वालों को पुरस्कार भी दिया। इस मौके पर स्मार्ट सिटी में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए नया वित्तीय मॉडल सीआइटीआइआइएस प्रोग्राम लांच किया। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत व स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अलग-अलग पैनल डिस्कशन हुए। इस कार्यशाला में करीब 1400 से अधिक मेहमान शामिल हुए।
पीएम मोदी शामिल होंगे
कार्यशाला के अंतिम दिन 29 जुलाई को पीएम मोदी शामिल होंगे। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को धनराशि ट्रांसफर करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना के एक लाख 111 लाभार्थियों के खाते में पैसा ट्रांसफर करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से सीधी बात करेंगे। प्रधानमंत्री इन योजनाओं में अच्छा काम करने वालों को सम्मानित भी करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री उन तीन शहरों को सम्मानित करेंगे जिन्होंने म्युनिसिपल बांड जारी किया है।
स्मार्ट सिटी में भी अच्छा
स्मार्ट सिटी में भी अच्छा काम करने वाले तीन शहरों के अफसरों को भी सम्मानित करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 29 जुलाई को निवेशकों के जिन 60 हजार करोड़ के निवेश प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे उनमें बड़े प्रोजेक्ट के साथ छोटे प्रोजेक्ट की भी बड़ी संख्या में लिए गए हैं। पूर्वांचल व मध्यांचल के जिलों में भी कई प्रोजेक्ट स्थापित होंगे। मध्यांचल में लखनऊ में सीपी मिल्क एंड फूड प्रोडक्ट्स कंपनी लखनऊ स्थित अपने प्लांट का विस्तार करेगी व संडीला हरदोई व शाहजहांपुर में एक-एक चिलिंग सेंटर की स्थापना करेगी। कंपनी इस पर 40 रुएए खर्च करेगी। भोलानाथ फूड्स कंपनी अमेठी में एक नई फ्लोर मिल की स्थापना करने जा रही है।
इस कार्यक्रम में देशभर के मेयर
इस कार्यक्रम में देशभर के मेयर, चेयरमैन, नगर आयुक्त व इससे संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अमृत योजना जून 2015 में शुरू की गई। इसमें देशभर के कुल 500 शहरों को लिया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के 60 शहर हैं। इस योजना का मुख्य मकसद शहरी लोगों को स्वच्छ पेयजल, सीवर का कनेक्शन देने के साथ ड्रेनेज व्यवस्था में सुधार लाना है। अमृत योजना की सफलता को देखने हुए उनके मन में विचार आया है कि छोटे शहरों के लिए अमृत प्लस नाम से योजना शुरू कर उनके विकास का काम शुरू कराया जाए।