लखनऊ। मण्डलायुक्त लखनऊ (Commissioner Lucknow) एवं नगर निगम आयुक्त इन्द्रजीत सिंह (Municipal Corporation Commissioner Indrajit Singh) के निर्देश पर सरकारी भूमि (Government Land) को अतिक्रमण मुक्त (Encroachment Free) कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई (Major Action) को अंजाम दिया गया। इस अभियान के अंतर्गत अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव (Additional Municipal Commissioner Pankaj Srivastava) के पर्यवेक्षण में गठित विशेष टीम ने ग्राम नटकुर, तहसील सरोजनीनगर में नगर निगम की स्वामित्व वाली बहुमूल्य भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया।
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अभियान के दौरान ग्राम नटकुर की विभिन्न गाटा संख्याओं – 811 मि, 814, 815, 816, 817, 818, 819, 822, 823, 1013, 1014, 1015, 1024, 1027 व 1028 – जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 1.697 हेक्टेयर है, पर से अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण हटाया गया। यह भूमि राजस्व अभिलेखों में बंजर, तालाब, नवीन परती व ऊसर के रूप में दर्ज है और नगर निगम की संपत्ति मानी जाती है।
जानकारी के अनुसार, इन भूखंडों पर कुछ स्थानीय लोगों एवं प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा झाड़ियाँ उगाकर, अवैध रास्ते बनाकर, नींव भरकर व बाउंड्री वॉल बनाकर प्लाटिंग कार्य किया जा रहा था। इससे सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था। टीम ने मौके पर पहुँचकर जेसीबी मशीन की सहायता से अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया और पूरे क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया।
नगर निगम द्वारा मौके पर 8 बोर्ड लगाए गए, जिससे यह भूमि अब चिन्हित और संरक्षित रहे। यह कार्रवाई नगर निगम और तहसील प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई। प्रभारी अधिकारी सम्पत्ति संजय यादव के निर्देशन में तहसीलदार अरविन्द पाण्डेय की ओर से गठित टीम ने इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
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टीम का नेतृत्व नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार व विवेक सिंह (नायब तहसीलदार, तहसील सरोजनीनगर) ने किया। इस अभियान में नगर निगम के लेखपाल संदीप यादव, अनुपम मिश्रा, व राजस्व विभाग के लेखपाल विजय प्रताप बहादुर सिंह तथा संजय शुक्ला उपस्थित रहे।
कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों द्वारा विरोध भी किया गया, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्ण ढंग से कार्य को पूरा कराया। इस कार्रवाई के तहत मुक्त कराई गई 1.697 हेक्टेयर भूमि की बाजार कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये आंकी गई है।
नगर निगम लखनऊ और तहसील प्रशासन की यह संयुक्त कार्यवाही अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासनिक दृढ़ता और प्रतिबद्धता का उदाहरण है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस प्रकार की कार्रवाइयां नियमित रूप से जारी रहेंगी।