कोरोना काल में हरिद्वार में महाकुंभ लगा है। जहां लाखों श्रद्धालु आकर स्नान कर रहे हैं। वहीं शाही स्नान पर निर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कपिल देव भी शामिल हुए थे, और शाही स्नान पर स्नान किया था। हालांकि कुछ घंटों बाद उनके कोरोना संक्रमित होने की खबर सामने आई जिसके बाद उन्हे कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहीं आज जहां खबर आई की उनकी मृत्यु हो गई है। जिससे संत समाज दुखी है।
नियमों की जमकर उड़ाई जा रही धज्जियां
कुंभ के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में हो रहे महाकुंभ में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही कोई मास्क लगाए नजर आ रहा है। कई साधु कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, बावजूद इसके कोरोना नियमों का पालन कराने में पुलिस अक्षम दिखाई दे रही है।
निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य
30 अप्रैल तक चलने वाले इस महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी। कोरोना महामारी के चलते अब शासन-प्रशासन सख्त है और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। भक्तों के साथ-साथ अखाड़ों के शाही स्नान के लिए कार्यक्रम तय किया गया है। और सभी अखाड़ों को आधा-आधा घंटा स्नान का समय दिया गया है।
कोविड गाइडलाइन को अनदेखा कर रहे लोग
उत्तराखंड सरकार ने महाकुंभ का आयोजन बड़े पैमाने पर किया है, लेकिन कोरोना के बीच लोगों का लापरवाह रवैया प्रशासन के सामने कड़ी चुनौती बन रहा है। सरकार की ओर से रेलवे स्टेशन और अन्य की जगहों पर रेपिड टेस्टिंग के इतंजाम किए गए हैं लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आए जब लोग स्टेशन से उतरने के बाद सुरक्षाकर्मियों की बातों को अनदेखा कर कोरोना जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं।