तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने देश को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर केंद्र पर निशाना साधा और भाजपा सरकार पर अक्षमता का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया। लोकसभा में मंगलवार को 2022-23 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर बहस को लेकर महुआ ने केंद्र पर झूठे दावे करने का आरोप लगाते हुए अपने भाषण की शुरुआत की।
महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह सरकार हमें हर फरवरी में विश्वास दिलाती है कि इस देश की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी चल रही है। हम सबसे तेजी से बढ़ते सबसे कुशल वैश्विक खिलाड़ी हैं। सभी को रोजगार मिल रहा है। हमें गैस सिलेंडर, बिजली और पक्के घर मिल रहे हैं। लेकिन 10 महीने के बाद सच्चाई कुछ और नजर आती है। अब हम दिसंबर में हैं और सरकार कहती है कि उसे बजट अनुमानों से अधिक 3.26 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि की आवश्यकता है।
महुआ मोइत्रा ने कहा कि सरकार और सत्ताधारी पार्टी ने पप्पू शब्द गढ़ा है, जिसका इस्तेमाल अत्यधिक अक्षमता को दर्शाने के लिए बदनाम करने के लिए किया जाता है। डेटा और आंकड़े हमें बताते हैं कि वास्तव में पप्पू कौन है।
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टीएमसी सांसद ने कहा कि अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन 4 प्रतिशत घटकर 26 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। विनिर्माण क्षेत्र में 5.6 प्रतिशत का अनुबंध हुआ है। विनिर्माण अभी भी नौकरियों का सबसे बड़ा जनरेटर है। औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक में नकारात्मक विकास दर दर्ज की गई है। एक वर्ष के भीतर विदेशी मुद्रा भंडार में 72 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
मोइत्रा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल प्रश्नकाल के दौरान उल्लेख किया कि उभरते बाजारों में एफआईआई प्रवाह का 50 प्रतिशत स्पष्ट रूप से भारत में आ रहा है। लेकिन उनके सहयोगी विदेश राज्य मंत्री ने पिछले शुक्रवार को इसी सदन में एक सवाल के जवाब में कहा कि लगभग 2,00,000 लोगों ने 2022 के पहले दस महीनों में अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी। 2014 के बाद से इस सरकार के तहत भारतीय नागरिकता छोड़ने वाले भारतीयों की कुल संख्या 12.5 लाख से अधिक हो गई है।
महुआ ने कहा कि किसी एक साल की तुलना में इस साल अधिक लोगों ने भारतीय नागरिकता दी है। क्या यह एक स्वस्थ आर्थिक वातावरण का संकेत है? अब पप्पू कौन है?