आज वेलेंटाइंस डे है। प्रेम से भरा हृदय अपना प्यार मनपसंद पात्र के सामने दर्शाने के लिए उतावला हो रहा होगा। वैसे तो हमारे यहां सही वेलेंटाइंस डे बसंतपंचमी है। पर अब की यह नई जनरेशन बसंतपंचमी के बजाय वेलेंटाइंस डे को अधिक महत्व देती है। दिनोंदिन इस दिन का महत्व बढ़ता ही जा रहा है। जबकि प्यार दर्शाने के लिए बसंतपंचमी हो या वेलेंटाइंस डे, किसी भी दिन को पसंद करना गलत नहीं है। बात यह है कि आजकल फिल्मी स्टाइल में और जितनी भव्यता से वेलेंटाइंस डे मनाया जाता है, उतने भव्य संबंध लंबे समय तक टिकते नहीं हैं।
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तमाम मामलों में तो ऐसा भी होता है कि इस साल जिस प्रेमी पात्र के साथ अथाह प्यार उमड़ा हो और उसके साथ वेलेंटाइंस डे मनाया हो, अगले साल उस प्रेमी पात्र को देखने का ही मन न हो रहा हो। स्नेह का सातत्य हमेशा नहीं बना रहता। एक समय आप जिसके लिए पागल हो रही हैं, उसी व्यक्ति के साथ इस हद तक अनबन हो जाती है कि आप उसे मन में ही नहीं, हर जगह ब्लाक कर देती हैं। खास कर आज के यंगस्टर्स के लिए यह बहुत ही काॅमन हो गया है। गो विद फ्लो का कांसेप्ट इन्हें एक व्यक्ति के साथ लंबे समय तक टिकने नहीं देता।
जिस तरह लोग किसी चीज से समय के साथ बोर हो जाते हैं, उसी तरह लोग अब आप्तजनों से भी बोर होने लगे हैं। एक समय एक-दूसरे पर मर मिटने वाले दो लोगों के संबंध इस हद तक बदल जाते हैं कि दोनों एक-दूसरे को आमने-सामने पड़ने पर भी पहचानने को तैयार नहीं होते। खैर, समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है और हमें इस बदलाव को स्वीकार भी करना पड़ता है। भले ही उसे आप आज अपनाएं या कल, पर एक दिन आप को बदलते समय के बदलाव के आगे हथियार डालना ही पड़ेगा।
हम बात कर रहे हैं वेलेंटाइंस डे की। चूंकि वेलेंटाइंस डे आ गया है, इसलिए हर प्रेमी वेलेंटाइंस डे की तैयारी कर चुका है। किसी ने अपने प्रेमी के लिए सरप्राइज प्लान किया है तो कोई इस दिन अपने प्रेमी को प्रपोज करेगा। कोई डिनर डेट पर जाएगा तो कोई लांग ड्राइव पर जाएगा। इस दिन को मनाने के लिए हर किसी का अपना अलग-अलग तरीका है। कोई प्रेमिका के साथ प्यार बांटेगा तो कोई अपने प्रियजन, वह मां भी हो सकती है, पिता, भाई, बहन या कोई यार-दोस्त। कुछ लोग तो समाज के लिए कुछ अच्छा कर के भी मनाते हैं। लेकिन इधर महंगी गिफ्ट देने का चलन बढ़ा है। आप कैसे और किस के साथ वेलेंटाइंस डे मना रही हैं और गिफ्ट में क्या दे रही हैं, यह आप की सोच पर निर्भर करता हो।
0 वेलेंटाइन डे और सेक्स
वेलेंटाइंस बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन का प्रेमी लोग पूरे एक साल तक इंतजार करते हैं। इसलिए इस दिन को अच्छे से मनाने के लिए मन में तरह-तरह की योजनाएं बनाते रहते हैं। इसे आप परिवार के साथ मना रही हैं, तब तो कोई बात नहीं। पर अगर प्रिय पात्र के साथ मना रही हैं तो थोड़ी सावधानी जरूरी है। क्योंकि इस दिन को यादगार बनाने के लिए कुछ लोग शारीरिक निकटता की कोशिश करते हैं। एक-दूसरे के लिए प्यार और एक्ट्रेसन अलग बात है, पर जब एक-दूसरे को शरीर सौंपे तो थोड़ी सावधानी जरूरी है। जस्ट फार फन या गो विद फ्लो के कांसेप्ट के साथ शारीरिक निकटता न बनाएं। क्योंकि आगे चल कर इससे संबंधों में समस्या खड़ी हुई तो यह शारीरिक निकटता कष्टदायक बन सकती है। अगर सचमुच एक-दूसरे के साथ कमिटेड हो गए हैं और शारीरिक संबंध बनाना चाहते हैं, तब भी सेफ्टी का ध्यान रखें।
0 महंगी गिफ्ट से प्यार साबित नहीं होता
आजकल के ट्रेंड के अनुसार महंगे-महंगे बुके, हाईफाई गिफ्ट्स, एक्सपेंसिव ज्वेलरी, कास्टली गैजेट्स आदि देने का चलन बढ़ गया है। प्रेमी पात्र को महंगी गिफ्ट देने के लिए युवा कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। पैरेंट्स से लेडीज घड़ी लेने के लिए पैसा, मित्रों से पैसे उधार लेकर गिफ्ट देने से बाद में परेशानी ही होती है। मतलब महंगी गिफ्ट प्यार को साबित नहीं करती। प्यार तो मन में होता है और उसे महंगी गिफ्ट से साबित नहीं किया जा सकता। अलबत्त, अगर आप के पास सुविधा है, आप कैपेबल हैं तो आप महंगी गिफ्ट दें तो बुरा नहीं है। पर आप कैपेबल नहीं हैं और आप कुछ उल्टा-सीधा कर के महंगी गिफ्ट खरीद रहीं है तो यह बिलकुल गलत है।
क्योंकि एक बार प्रियजन को इम्प्रेस करने के लिए कैसी भी व्यवस्था कर के आप प्रियजन के मन में आशा की किरण जगाती हैं। तब आप हर स्पेशल डे पर उतनी महंगी गिफ्ट कहां से देंगीं। यहां कहने का मतलब यह नहीं है कि आप अच्छी गिफ्ट न दें। कभी हो सके तो महंगी गिफ्ट भी दें। पर साथ ही साथ आप की परिस्थिति की भी जानकारी आप के प्रियजन को होनी चाहिए। जिससे कभी गलत आशा वह अपने मन में न रखे। रही बात प्यार की तो प्यार का प्रमाण कभी महंगी चीज नहीं दे सकती। वह मात्र पैसे का प्रदर्शन कर सकती है। ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जिनमें महंगी-महंगी गिफ्ट देने वाले लोग एकांत में हिंसा किया करते थे।
0 प्यार को समझो तब आगे बढ़ो
एक्ट्रेसन और अफेक्शन के बीच पतली रेखा होती है। जिसे ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते। देखने में व्यक्ति अच्छा लगता है, इसलिए उसके साथ क्लोज होने का प्रयत्न करते हैं। इसके बाद एक-दूसरे को ठीक से समझे और जाने बगैर ही प्रपोजल तक पहुंच जाते हैं। प्रपोज करने के बाद पता चलता है कि दोनों के स्वभाव में जमीन-आसमान का अंतर है। इस अंतर को समझदारी से न भर सकने वाले लोगों के संबंध दिनोंदिन खराब होते जाते हैं।
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इसलिए अगर इस वेलेंटाइंस डे पर आप किसी को प्रपोज करने के बारे में सोच रही हैं तो पहले ठीक से उसके बारे में जान लें, सोच लें उसका स्वभाव, उसकी वेवलेंथ आप से मैच होती है? दोनों एक-दूसरे को समझ सकते हैं? आगे चल कर दोनो एक-दूसरे के साथ रह सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब न मिल रहे हों तो भले ही वेलेंटाइंस डे नजदीक हो, प्रपोज करने से पहले सौ बार सोच लें।
0 अंत में..
प्यार या स्नेह बहुत ही मूल्यवान वस्तु है। इसे बहुत सोच-विचार कर खर्च करना चाहिए। जबकि कहा जाता है कि प्यार सोच-विचार कर नहीं होता। पर जहां तुम्हारे प्यार की कद्र न हो, वहां प्यार बरसाना मूर्खता ही कही जाएगी। इसलिए अगर पात्र उचित है तो प्यार प्रदर्शित करने में आगे-पीछे न करें। और अगर पात्र योग्य न लग रहा हो तो खूब सोच-विचार कर आगे बढ़ें। याद रखिए, प्यार को महंगी चीज, एक्सपेंसिव गिफ्ट्स या ज्वेलरी का मोहताज न बनने दें। प्यार स्नेह, देखभाल और समझारी का पर्याय बनेगा तो आगे चलकर संबंधों में कोई समस्या नहीं होगी।