लाख मेहनत के बाद भी जब सफलता नहीं मिलती तो अक्सर इंसान पूजा-पाठ या कभी-कभी अंधविश्वास पर भी विश्वास करने लगता है. टीवी की क्वीन एकता कपूर, बॉलीवुड के ‘भाईजान’ सलमान खान, फिल्ममेकर डेविड धवन जैसे कई स्टार्स हैं, जिनके आस्था, श्रद्धा और अंधविश्वास के किस्से आपने सुने होंगे.
1970 के दशक में अपने करियर की शुरुआत से एक्टिंग से करने वाले एक एक्टर ने सिर्फ 10 सालों के अंदर अपना प्रोडक्शन हाउस खोला और दूसरे स्टार्स को स्टारडम का स्वाद चखाना शुरू कर दिया.
राकेश रोशन बॉलीवुड के वो एक्टर और डायरेक्टर, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया. एक्टिंग से लोगों के दिलों पर राज किया तो वहीं, फिल्म का डायरेक्शन शुरू किया तो सफल डायरेक्टर बन गए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक अंजान शख्स पर उन्होंने भरोसा किया और उस भरोसे से उनकी जिंदगी में चमत्कार हो गया. क्या है ये किस्सा, चलिए आपको बताते हैं.
एक्टिंग में हिट, डायरेक्शन में सुपरहिट
साल 1970 से 1989 तक राकेश रोशन फिल्मों में नजर आए. लेकिन इसी बीच उन्होंने डायरेक्शन में हाथ अजमाना चाहा, फिल्म डायरेक्ट की और फिर एक सफल डायरेक्टर बन गए. राकेश रोशन ने बतौर डायरेक्टर साल 1987 में पहली फिल्म बनाई थी, जिसका नाम था ‘खुदगर्ज’. इस फिल्म ने कमाल तो नहीं किया, लेकिन ये तय कर दिया था कि अब फिल्म डायरेक्शन ही करना है.
राकेश रोशन की फिल्मों का नाम K लेटर से ही शुरू होता है.
जब अनजान शख्स ने राकेश रोशन को दी सलाह
इस फिल्म के बाद उनकी फिल्म ‘आप के दीवाने, ‘कामचोर’और ‘जाग उठा इंसान’ रिलीज हुई. ‘जाग उठा इंसान’ की मेकिंग केदौरान वह बिजी ते कि उसी समय एक अनजान शख्स ने उनके नाम एक खत भेज दिया. उन्होंने एक सलाह डायरेक्टर को दी और कहा कि उन्हें अपनी फिल्मों का नाम ‘ K’ अक्षर से शुरू करना चाहिए. उस दौरान उन्होंने उस खत को अहमियत नहीं दी, लेकिन साल 1986 में जब उनकी फिल्म ‘भगवान दादा’ फिर फ्लॉप हुई तो उन्हें फिर उश खत की याद आई और उस खत में लिखी बातें सही लगने लगी, क्योंकि उनकी फिल्म ‘खट्टा मीठा’ और ‘खंडन’ जैसी उनकी फिल्में हिट रहीं, जिसके नाम ‘K’ से शुरू होते थे.
अनजान शख्स की सलाह मानते ही हुआ चमत्कार
राकेश रोशन ने उस अनजान शख्स की सलाह को मानने का फैसला करने से पहले इसे आजमाने का सोचा. इसके बाद साल 1987 में फिल्म आई ‘खुदगर्ज’, जो सुपरहिट साबित हुई. फिल्म के सुपरहिट होते ही उन्होंने इस बात को ठान लिया कि वो अपनी फिल्मों के नाम को ‘K’ अक्षर से ही शुरू करेंगे. इसके बाद उन्होंने उसके बाद राकेश रोशन की फिल्म ‘खून भरी मांग’, ‘काला बाजार’, ‘किशन कन्हैया’, ‘करण अर्जुन’, ‘कहो ना प्यार है’, ‘कोई मिल गया’, ‘कृष’ और ‘कृष 3’ जैसी फिल्में बनाई, जो बॉक्स ऑफिस शानदार कमल दिखती नजर आईं. इसमें से कई फिल्म हिट रही और कुछ तो ब्लॉकबस्टर साबित हुई.