भारत में कोरोना ने त्राहि-त्राहि मचा रखी है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी है। ऑक्सीजन की कमी के चलते कई लोगों की जान खतरे में बनी हुई है। इस मुश्किल की घड़ी में भारत को दुनियाभर के कई देशों से मदद मिलनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में न्यूयॉर्क से 5 टन (5 हजार किलो) ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर A102 से लाया जा रहा है जो कि सोमवार दोपहर दिल्ली में लैंड कर सकता है। इसके अलावा सैन फ्रांसिस्को से एक फ्लाइट ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स के साथ भारत रवाना होगी। वहीं अमेरिका से अगली फ्लाइट नेवार्क से रवाना होगी जो 27 अप्रैल को दिल्ली पहुंचेगी।
दूसरी ओर अमेरिका ने कहा है कि वह उन स्रोतों की पहचान कर रहा है, जिससे वैक्सीन के लिए कच्चे माल को तुरंत भेजा जा सके। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जैक सलिवन ने भारतीय NSA अजित डोभाल से ये बातें कहीं हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि जिस तरह भारत ने मुसीबत के समय उनके देश की मदद की थी, वैसे ही अब जरूरत के समय अमेरिका भी भारत की मदद करने को प्रतिबद्ध है।
जैक सलिवन ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर उनकी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल से बात हुई। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि आगामी दिनों में हम ज्यादा बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मुश्किल घड़ी में भारत के लोगों के साथ खड़ा है और हम ज्यादा से ज्यादा सप्लाई और संसाधन तैनात कर रहे हैं। इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने भी भारत की मदद का पूरा भरोसा जताया था। उन्होंने कहा था कि उनका देश कोविड-19 के भयावह प्रकोप के बीच भारत को और उसके स्वास्थ्य नायकों को तेजी से अतिरिक्त मदद देगा।
वहीं इसके अलावा जर्मनी और यूरोपीय संघ ने भी संकट की इस मुश्किल घड़ी में साथ खड़े होने की बात कही है। जर्मनी ने कहा है कि वह कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर भारत को इस स्थिति से निपटने में मदद के लिए आपातकालीन सहायता भेजने पर विचार कर रहा है। इस बीच यूरोपीय संघ (EU) ने भी कहा है कि वह मदद के लिए तेजी से संसाधन जुटा रहा है।