पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज यहाँ कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद कभी भी देश के बंटवारे के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने हमेशा मुल्क को एक रहने की वकालत की थी। उन्होने देश की आजादी और आजादी के बाद देश को संवारने, बनाने के लिए उल्लेखनीय योगदान किया है उसे सदैव याद किया जायेगा।
श्री सिद्दीकी बतौर मुख्य अतिथि आज पार्टी कार्यालय में आयोजित मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्य तिथि के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। शहर अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम के दौरान महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारत रत्न, पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण करके उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
पुण्यतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर कांग्रेस अध्यक्ष अनीस अख्तर मोदी ने एवं संचालन जावेद अहमद खान ने किया। कार्यक्रम में मौलाना अबुल कलाम द्वारा देश के लिए दिये गये योगदान के लिए याद किया गया। वरिष्ठ नेताओं ने मौलाना आजाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व सांसद जफर अली नकवी मौजूद रहे।
पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के दिल्ली की जामा मस्जिद से दिए गए ऐतिहासिक भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि मौलाना आजाद ने मुल्क में भाईचारा और एकता की एक मिसाल कायम की है जिसे किसी कीमत पर भुलाया नहीं जा सकता।
इस मौके पर उपस्थित कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मौलाना अबुल कलाम आजाद की शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मौलाना ने शिक्षा मंत्री रहते हुए आईआईटी, आईआईएम जैसी संस्थाओं की बुनियाद रखकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया था। आजादी के बाद जिस प्रकार मौलाना अबुल कलाम ने उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को देश में स्थापित किया वह शिक्षा के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को प्रदर्शित करता है।
पुण्यतिथि कार्यक्रम को मुख्य रूप से पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी, प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह, मारूफ खान, तारिक सिद्दीकी, श्रीमती रफत फातमा, अख्तर मलिक, शाहनवाज खान, डॉ. शहजाद आलम, श्रीमती श्रेया धीमान, डॉक्टर खलीलुल्लाह, मोहम्मद उमर ने भी संबोधित किया।