लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शनिवार को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मीडिया को संबोधित किया। कहा कि इस समय संसद चल रहा है। संसद में विपक्ष देश व यहां जनहित के मुद्दे ना उठाकर अपने राजनैतिक स्वार्थ में संभल में हुई हिंसा की आड़ ले रहा है। खासकर सपा व कांग्रेस पार्टी मुस्लिम वोटों को रिझाने में लगी है। इतना ही नहीं ये पार्टियां मुस्लिम समाज को भी (तुर्क व नॉन तुर्क) वहां आपस में लड़ा रही हैं। इससे मुस्लिम समाज को भी सतर्क रहना है।
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जिन लोगों की वजह से संसद में दलित वर्ग के सांसद पहुंचे हैं। वह अपनी-अपनी पार्टियों के आकाओं को खुश करने के लिए दलित उत्पीड़न के मुद्दों पर चुप बैठे हैं। कतहा कि चाहे दलितों के उत्पीड़न का मामला अपने देश का हो या फिर बंगलादेश का। बांग्लादेश में सभी वर्गों के हिंदू लोग जुल्म-ज्यादती का शिकार हो रहे हैं।
इसमें ज्यादातर वो दलित हैं, जिनकी भारत देश में बाहुल्यता है। इसके बाद भी बंटवारे में जबरन उनको बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर को संविधान सभा में चुनकर भेजने की सजा के तौर पर पाकिस्तान को दे दिया गया था।
जातिवादी खेल कांग्रेस पार्टी का था
बाबा साहेब संविधान सभा में बंगाल के जिस जयसोर-खुलना क्षेत्र से चुनकर आए, तो उसे हिंदू बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद भी, षडयंत्र के तहत पहले पाकिस्तान के हवाले कर दिया। अब बांग्लादेश में है। इससे बाबा साहेब इस्तीफा देकर भारत वापस आ गए। यह सब जातिवादी खेल कांग्रेस पार्टी का था।
अब वहां दलितों का शोषण हो रहा है तो मुख्य विपक्षी पार्टी इस पर चुप है। केवल मुस्लिम वोट के लिए संभल-संभल चिल्ला रही है। इस मामले में कांग्रेस, सपा व इनके समर्थक दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।