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फाइलेरिया से बचाव को घर-घर खिलाई जा रही दवा, अब तक 13.63 लाख से अधिक लोगों ने दवा खाई

सुल्तानपुर। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 12 से 27 मई तक जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) चलाया जा रहा है। इसके तहत घर-घर जा कर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलायी जा रही है । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के.त्रिपाठी ने दी।
डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसमे व्यक्ति की मृत्यु तो नहीं होती पर वह अपंगता और कुरूपता की श्रेणी में पहुँच जाता है।

फाइलेरिया से बचाव को घर-घर खिलाई जा रही दवा, अब तक 13.63 लाख से अधिक लोगों ने दवा खाई

समाज को इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति फाइलेरिया रोधी दवा अवश्य खाए। जिले के सभी क्षेत्रों में अभियान चलाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कराया जा रहा है।

जिले में 20 मई तक 1336295 लोगों ने दवा का सेवन किया है , इसमें 2-5 वर्ष के 11149 बच्चे, 5-15 वर्ष के 343926 और 15 वर्ष से अधिक के 907879 लोग शामिल हैं।

फाइलेरिया संक्रमण –

फाइलेरिया या हाथी पाँव एक संचारी रोग है जो क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है। जब किसी संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है तो संक्रमण मच्छर में आ जाता है, और जब यही संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है।

फाइलेरिया के लक्षण –

आमतौर पर इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। इसका असर शरीर पर बहुत देर से दिखता है। इस बीमारी के लक्षण दिखने में व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद पांच से दस साल भी लग सकते हैं। बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या, पैर-हाथ में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसील इसके प्रभाव हैं जो संक्रमित होने के काई सालों बाद दिख सकते हैं।

किन्हें संक्रमण का खतरा अधिक –

वैसे तो फाइलेरिया किसी को भी हो सकता है, पर नवजात, छोटे बच्चे, गर्भवती और वृद्धजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और वह मच्छर से अपना बचाव भी पूरी तरह नहीं कर पाते इसलिए इनके जल्दी संक्रमित होने की आशंका रहती है। हालांकि संक्रमित होने का कोई लक्षण तुरंत नहीं दिखता, फिर भी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों में मच्छर द्वारा संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।

क्या है फाइलेरिया का उपचार –

फाइलेरिया रोधी दवा खाना ही फाइलेरिया से बचाव का एकमात्र उपाय है। यदि कोई व्यक्ति हर साल एक बार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन पांच साल तक लगातार करता है तो वह व्यक्ति हाथी पाँव या फाइलेरिया रोग से बचा रहेगा। फाइलेरिया से बचाव किया जा सकता है, पर एक बार इसका प्रभाव बढ़ जाये तो इसका उपचार असंभव है।

“जब भी स्वास्थ्य कर्मी आपके घर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने आये, दवा जरुर खायें ”

डॉ. लक्ष्मण सिंह, नोडल वेक्टर बॉर्न डिज़ीज

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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