कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती Kashmiri pandits और उनके बच्चों को लेकर दोहरा चेहरा सामने रख दिया। उन्होंने कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों और उनके बच्चों को शरणार्थियों की तरह रखने का बयान दिया हैं। मुख्यमंत्री के इस बायन से कश्मीरी पंडित सेवा समिति ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। समिति अध्यक्ष विजय रैना ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान शर्मनाक है।
- उन्होंने कहा कि हमे अपने ही घरों में पर्यटक बनाया जा रहा है।
Kashmiri pandits, महबूबा गृहमंत्री की योजना पर खड़े कर रही हाथ
कश्मीरी पंडित सेवा समिति के अध्यक्ष विजय रैना ने कहा कि वर्ष 2015 में गृहमंत्री राजनाथ सिंह कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर में सैनिक कॉलोनी बनवाने के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग तैयार कराने की घोषण की थी। जिसके बाद कश्मीरी पंडितों को योजना का लाभ मिलने और सुविधाओं के प्रति उम्मीद जगी थी। योजना की गेंद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पाले में गई तो उन्होंने कश्मीरी पंडितों की कश्मीर वापसी कराने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली में रजिस्टर्ड कश्मीरी पंडितों की संख्या
कश्मीरी पंडित सेवा समिति के अध्यक्ष विजय रैना ने बताया कि दिल्ली में रजिस्टर्ड कश्मीरी पंडितों के परिवार की संख्या 19338 है। वहीं जम्मू-कश्मीर हाउस से रजिस्टर्ड 12 सौ परिवार भी दिल्ली में रह रहे हैं। जम्मू में 48 हजार रजिस्टर्ड परिवार रह रहे हैं। उसमें से 15 से 20 हजार परिवार दिल्ली में रोजगार की तलाश में रह रहे हैं।