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राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा

औरैया। समाजसेवी एवं अन्य पीड़ित नागरिकों ने सोमवार को ककोर मुख्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को संबोधित 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा है। जिसमें उन्होंने जिले के अधिकारियों द्वारा मनगढ़ंत आख्या भेजकर शिकायतों का फर्जी निस्तारण किये जाने की बात कही है। उन्होंने माननीय महामहिम के समक्ष जनहित में प्रस्तुत की जा रही याचिका को संज्ञान में लेकर प्रशासन को आगाह कर सही निदान कराने की गुहार लगाई है।

कस्बा थाना दिबियापुर निवासी समाजसेवी महेश पांडे के नेतृत्व में सोमवार को पीड़ित नागरिकों ने ककोर मुख्यालय पहुंचकर जिला अधिकारी सुनील कुमार वर्मा को महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को संबोधित ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि थाना दिवस, तहसील दिवस, आईजीआरएस व मुख्यमंत्री हेल्प लाइन पर की गई शिकायतों का फर्जी निस्तारण करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।

किसानों के ऊपर पराली जलाये जाने की विरुद्ध की गई कार्रवाई वापस ली जाए , एवं जिन किसानों से जुर्माना लिया गया है। वह उन्हें वापस किया जाए। विद्युत उपभोक्ताओं के यहां संयोजन के समय ही मीटर लगाये जाएं , एवं प्रतिमाह सही विद्युत बिल उपलब्ध कराये जाएं एवं उपभोक्ताओं को गलत बिल भेज कर लाखों रुपए की गई वसूली का पर्दाफाश करने के लिए विद्युत विभाग के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।

संयोजन के बाद मीटर ना लगने व बिल ना देने तक के विद्युत बिल का भुगतान जिम्मेदार विद्युत कर्मी से वसूला जाए। आवारा जानवरों द्वारा फसल नुकसान पर 25 हजार रुपए/ प्रतिएकड़ , हमले से घायल को 2 लाख रुपए एवं मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता प्रदान की जाए। जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन अनशन के लिए चिन्हित स्थान पर टिन शैड की व्यवस्था अतिशीघ्र कराई जाए। तहसील कर्मियों द्वारा की गई गलती के सुधार के लिए खर्च गलती करने वाले कर्मचारी से लिया जाए। तहसीलों में वर्षों से पुरानी वरासते शीघ्र दर्ज कराई जाएं। मेड़बंदी व जमीन पटवारों के वादों का निस्तारण निर्धारित समय में हो। निर्धारित समय में निस्तारण ना करने वाले पीठासीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जन सामान्य की एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस जनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। अराजक तत्वों से संपर्क रखने वाले पुलिस जनों पर कार्रवाई हो।

जनपद में धान खरीद घोटाले की जांच कराई जाए। जिन किसानों को रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी सरकारी खरीद ना हो पाने से मजबूर औने- पौने में आढ़तियों के यहां धान बेचना पड़ा , उन किसानों को सरकारी भाव का अंतर दिया जाए। प्रत्येक स्नातक बेरोजगार को न्यूनतम 10000 रुपए व स्नातक बेरोजगारों को 15000 रुपए मासिक का रोजगार दिए जाने की गारंटी का कानून बनाया जाए। इस मौके पर प्रमुख रूप से वीरेंद्र कुमार, रामकुमार, शीतला देवी, विमला देवी, पुष्पा देवी, राम मूर्ति, जवाहर लाल राजपूत, आकाश, सुरेश सिंह राजावत, गिरीश सिकरवार, देवेंद्र प्रताप सिंह गौर व श्याम शुक्ला आदि लोग मौजूद रहे।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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