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महावारी उपहास नहीं उपहार है, परिवार के सभी सदस्यों को लड़कियों की इस स्थिति को समझना चाहिए- डॉ रोली सेठ

लखनऊ। आज बीएसएनवी पीजी कॉलेज एवं लखनऊ लिटरेरी क्लब के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। स्त्रियों की मानसिक एवं शारीरिक स्वतंत्रता के बारे में बात करते हुए डॉक्टर रोली सेठ ने कहा कि अधिकतर लड़कियां पीरियड्स को लेकर जागरूक नहीं होती, साथ ही हमारे समाज में इसे लेकर बड़ी सारी भ्रांतियां भी हैं। इस अवस्था में लड़कियों में बहुत से शारीरिक एवं मानसिक बदलाव भी आते हैं ऐसे में परिवार के सभी सदस्यों को लड़कियों की इस स्थिति को समझना चाहिए और सहयोग पूर्वक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने“महावारी उपहास नहीं उपहार है ” वाक्य के साथ अपने उद्बोधन का समापन किया।

वर्तमान में जो जीवन कष्टकर लगता है, वही परिपक्व होने पर हमें अनुपयोगी लगता है- आईजी लक्ष्मी सिंह

तदुपरांत कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आईजी लक्ष्मी सिंह का सभागार में आगमन हुआ जिनका सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा स्वागत किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी द्वारा पौधा देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि आईजी लक्ष्मी सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मैं यंग माइंड के समक्ष उपस्थित हूं। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में बात करते हुए कहा कि यह विषय हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान में विचार करने पर अपना जीवन कष्टकर लगता है, जबकि परिपक्व होने पर हमें यह अनुपयोगी लगता है।

स्त्री और पुरुष में कोई होड़ नहीं- डॉ सुधा बाजपेई

इसके पश्चात डॉ सुधा बाजपेई (जो विशिष्ट अतिथि के रूप में संगोष्ठी में उपस्थित थी) ने कहा कि हमें स्त्री और पुरुष में कोई होड़ नहीं करनी है, बल्कि दोनों को एक दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए समाज दोनों को मिलकर चलाना है आप कहीं भी रहे और अपने व्यवहार का बहुत सहयोग पूर्ण रखना है. मैं चाहती हूं इस विषय पर एक बड़ा कार्यक्रम होना चाहिए।

महिलाएं अपनी समस्या ठीक से नहीं समझती- प्रो रमेश धर द्विवेदी

कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रमेश धर द्विवेदी ने अपना अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि किसी का भी स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। समस्या तब होती है जब महिलाएं अपनी समस्या ठीक से नहीं समझती हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में #सेनेटरी पैड की मशीन है आप उसका उपयोग कर सकती हैं। विद्यार्थियों को अपने बीच एक अच्छा वातावरण बनाना चाहिए।

लड़कियों को संतुलित आहार लेने की आवश्यकता

संगोष्ठी के तकनीकी सत्र का आयोजन द्वितीय सत्र के अंतर्गत किया गया। लगभग 1:00 बजे से प्रारंभ हुए इस सत्र में डॉ डीके गुप्ता ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा कार्यक्रम का बड़ी सफलतापूर्वक संचालन किया। कार्यक्रम में सबसे पहले बीएचयू की छात्रा शिवानी कश्यप ने अपनी बात करते हुए कहा कि लड़कियों को संतुलित आहार लेने की बड़ी आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम के समापन सत्र में प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय, प्राचार्या, नवयुग कन्या महाविद्यालय लखनऊ ने छात्र-छात्राओं के पेपर प्रस्तुतीकरण और पोस्टर प्रस्तुतीकरण में स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम समापन पर संयोजक प्रोफेसर ज्योति काला ने सभी अतिथियों शिक्षकों एवं छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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