श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बुधवार को अचानक उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लाखों घरों की बिजली कट होने से हड़कंप मच गया. पता चला कि बिजली गुल होने की समस्या उन घरों में आई, जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं. कई घंटे तक प्रदेश के कई जिलों में अफरा-तफरी का माहौल रहा. आखिरकार देर रात समस्या दुरुस्त कर ली गई.
उधर मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रकरण की जांच यूपी एसटीएफ से कराने का निर्देश दिया है. सीएम ने कहा है कि जांच में दोषी पाए गए लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. दरअसल मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने घटना की एसटीएफ से जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था.
दरअसल बुधवार शाम पांच बजे स्मार्ट मीटर वाले प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं के घरों की बत्ती गुल हो गई. जिसके बाद हाहाकार मच गया. चाहे मंत्री आवास हो या अस्पताल, अपार्टमेंट हो गया दुकान सभी जगह ये समस्या सामने आई. बाद में प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने कहा कि स्मार्ट मीटर में खामी से नहीं बल्कि गलत कमांड देने से बिजली गुल हुई. गलत कमांड देने वाले L&T प्रोजेक्ट मैनेजर शशिकांत अग्रवाल और ईईएसएल यूपी हेड आदेश सक्सेना को निलंबित कर दिया गया है.
इस समस्या के कारण लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गोरखपुर, गाजियाबाद, नोएडा जैसे शहरों में बिजली गुल हो गई. कई जगह नाराज़ बिजली उपभोक्ताओं ने जमकर हंगामा किया. हालात ऐसे हो गए कि कई बिजली उपकेंद्रों पर फोर्स तक लगानी पड़ी. सूचना के बाद लखनऊ में शक्ति भवन स्थित यूपीपीसीएल मुख्यालय में हड़कंप मच गया. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा व यूपीपीसीएल चेयरमैन अरविंद कुमार इस दिक्कत को दूर कराने में जुटे रहे.
पहले ही आई है स्मार्ट मीटर में शिकायतें
गौरतलब है कि ऊर्जा विभाग ने स्मार्टमीटर लगाने के लिए ईईएसएल को ठेका दिया था. यूपी में स्मार्ट मीटर लगवाने वाला ईईएसएल भारत सरकार का उपक्रम है. ईईएसएल ने प्रदेश में GENUS कंपनी के स्मार्ट मीटर लगवाए हैं. स्मार्ट मीटर में पहले भी मीटर जम्प की खामी सामने आई थी. ऊर्जा मंत्री ने पहले ही इन स्मार्ट मीटर की जांच के आदेश दिये थे. लेकिन 6 माह बाद भी इन स्मार्ट मीटरों की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है.