विदेश मंत्रालय के ‘सुरक्षित जाएं प्रशिक्षित जाएं’ अभियान को और शक्ति देने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक स्मारक डाक टिकट जारी करने जा रहे हैं।
‘सुरक्षित जाएं प्रशिक्षित जाएं’ अभियान का लक्ष्य विदेशों में रोजगार के लिए यात्रा करते समय सुरक्षित और कानूनी चैनलों का उपयोग करने के महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना है, ताकि अच्छी तरह से सूचित प्रवासी निर्बाध रूप से एकीकृत हो सकें और विदेश में सुरक्षित और उत्पादक रह सकें। मंत्रालय के अनूठे अभियान को और अधिक गति देने के लिए 09 जनवरी को 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे श्रमिक श्रेणी के प्रवासियों के सुरक्षित और कानूनी प्रवासन को समर्पित एक डाक टिकट जारी करेंगे।
विदेश मंत्रालय विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों के कमजोर वर्गों की धोखाधड़ी और अवैध भर्ती से चिंतित है, जो मुख्य रूप से खाड़ी देशों में एक प्रमुख भारतीय कार्यबल का गठन करते हैं। इसमें मजदूरों, घरेलू क्षेत्र के श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, गृहिणियों, ड्राइवरों, रेस्तरां श्रमिकों और अन्य ब्लू कॉलर जॉब श्रेणी के लोगों को कमजोर वर्ग माना जाता है। जिनकी भर्ती 1983 के उत्प्रवास अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विनियमित होती है।
इनके साथ धोखाधड़ी और अवैध प्रवासन में वृद्धि के साथ विदेश मंत्रालय अवैध चैनलों के खतरों के बारे में प्रवासियों को शिक्षित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। 2015 से ई-माइग्रेट प्रणाली के आगमन के साथ और उत्प्रवासी श्रमिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए, ईसीआर प्रवासियों को सलाह दी जाती है कि वे केवल वैधानिक माध्यमों अर्थात ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से ही विदेश में रोजगार के लिए जाएं। पोर्टल में 200,000 से अधिक विदेशी नियोक्ता और 2500 से अधिक पंजीकृत भर्ती एजेंट हैं। पोर्टल में पंजीकृत और अपंजीकृत भर्ती एजेंसियों की सूची भी है।
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मंत्रालय सुरक्षित, कानूनी चैनलों और विदेशी रोजगार के अवसरों के लाभों के बारे में जानकारी का प्रसार करने के लिए कई राज्य सरकारों और संबंधित हितधारकों के साथ भी समन्वय कर रहा है। विदेशों में भारतीय मिशन भी धोखाधड़ी और अवैध चैनलों द्वारा नकली नौकरी की पेशकश के बारे में सलाह के माध्यम से भारतीय नौकरी चाहने वालों को सक्रिय रूप से संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी