उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. ऐसा लगता है कि उसकी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. सियासी रणनीति बनने लगी है. हर पार्टी खुद को तैयार करने में जुट गई है. चुनावों को ही ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार दोनों होने वाला है.
अपना दल बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव जरूर लड़ता है लेकिन अपने चुनाव चिन्ह पर वहीं निषाद पार्टी ने खुद का एक तरह से बीजेपी में विलय कर लिया है, वो बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ते हैं.
यूपी में महान दल के नाम से उभरी पार्टी मौर्या और कुछ पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का दावा करती है. उसके अध्यक्ष केशव देव मौर्या ने हाल में दावा किया कि हम जिस पार्टी में शामिल हो जाएंगे, उसके लिए विनिंग फैक्टर बन सकते हैं. ये दल प्रदेश की 100 सीटों पर अपने असर की बात करता है.
अपना दल और निषाद पार्टी यूपी के छोटे दल हैं लेकिन एक खास वोट बैंक पर दोनों की अपनी पकड़ है, इसीलिए बीजेपी के लिए आने वाले विधानसभा चुनावों में दोनों दल जरूरी भी हैं. वोट बैंक के हिसाब से देखें तो ये अच्छा खासा वोट बैंक है.