लखनऊ। कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आये लोगों को आक्सीजन और अन्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिये एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने अपनी विधायक निधि से डेढ़ करोड़ रूपये की मदद की घोशणा की है। इसके लिये उन्होंने प्रदेश के जनपद रायबरेली के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जिले में पन्द्रह दिनों के अन्दर आक्सीजन प्लांट लगाने के लिये आग्रह करते हुये विधायक निधि से तत्काल 25 लाख रूपये अवमुक्त करने के साथ कहा है कि यदि आक्सीजन प्लांट के लिये भूमि न हो तो वह भी निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिये तैयार है।
विदित हो कि रायबरेली के एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने डेढ़ करोड़ की विधायक निधि से मदद करने की घोशणा करने से दो दिन पूर्व ही 150 बेड़ हॉस्पिटल का कोविद हॉस्पिटल बनवाने का भी प्रस्ताव रखा था। कोविड राहत में डेढ़ करोड़ की विधायक निधि की राषि देने की घोषणा करने के बाद एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि वह स्वयं २० दिनों से करोना संक्रमित थे और मौत के मुंह से बच कर निकले है लेकिन उनसे लोगों की पीड़ा सही नहीं जा रही तो खुद अपनी टीम के साथ हॉस्पिटल, मरीज, डॉक्टर, कर्मचारी, ऑक्सीजन और अन्य सभी व्यवस्थाओं में मदद का प्रयास कर रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने 150 बेड़ हॉस्पिटल का कोविद हॉस्पिटल बनवाने का भी प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने रायबरेली की आज की आवश्यकता से डेढ़ गुना अधिक क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट बनाने का रोडमैप प्लान भी शेयर किया । होम आइसोलेशन वाले जरूरतमंद मरीज़ो को भी ऑक्सीजन देने के लिए वो ऑक्सीजन प्लांट के लिए एक हफ्ते से काम कर रहे थे। एमएलसी ने कहा कि “मेरी भावना है, मेरा निर्णय है, कि मेरे खाते में उपलब्ध 1.5 करोड़ रूपये की धनराशि रायबरेली वासियों की सेवा में इस कोरोना महामारी से रक्षार्थ एक माह में व्यय कर राहत दी जाये, मुझे एहसास है कि यदि सिर्फ जनपद वासियों को यह भरोसा हो जाये, कि मुझे जरूरत पर ऑक्सीजन मिलेगी, तो वह काफी हद तक कोरोना से लड़ने में सक्षम हो जायेंगे।
इसके अधिष्ठापन हेतु उन्होंने राजपत्रित अधिकारी मनोनीत करने हेतु एक पत्र जिला अधिकारी को लिखा जो सम्पूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण कराकर 15 दिवस के भीतर ऑक्सीजन उत्पादन प्रारम्भ कर दे। इसके साथ उन्होंने कहा कि मेरी विधायक निधि से 100 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन (30 दिन तक) सिर्फ होम आइसोलेशन वाले जरूरतमंद (सम्पूर्ण जनपद के मरीजों को चाहे वह शहरी हों या ग्रामीण) को उपलब्ध करायी जाय। प्रत्येक विधान सभा मुख्यालय पर एक स्टोर बनाकर स्थान चिन्हित कर उस स्थान का प्रचार-प्रसार कर दिया जाए, जिससे जरूरतमंद को भटकना न पड़े।