लखनऊ । राजधानी के राजकीय स्कूलों में तैनात मानक से अधिक शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया अटक गई है। शासन के निर्देश के बाद भी अब तक विभाग के जिम्मेदार अधिक शिक्षकों का ब्यौरा तैयार नहीं कर सके हैं। यह स्थिति तब है जब उप शिक्षा निदेशक (महिला) विकास श्रीवास्तव ने तीन जुलाई तक मानक से अधिक शिक्षकों को चिन्हित कर उनका विवरण डीआईओएस को संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) के पास भेजने के निर्देश दिए गए थे लेकिन, ब्यौरा तैयार न होने से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है। दरअसल, राजधानी में करीब 48 राजकीय माध्यमिक स्कूल संचालित हैं। इनमें 19 बालक और 29 बालिका स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों में छात्र सं या के अनुसार मानक भी तय हैं लेकिन शहर के राजकीय स्कूलों में इन नियमों की जमकर अनदेखी करते हुए शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराया गया। आलम यह कि राजकीय स्कूल में मानक से अधिक शिक्षक तैनात हो गए। उदाहरणस्वरूप राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में 6 से 12 में 1360 स्टूडेंट्स के लिए 65 शिक्षक तैनात हैं। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नरही में तकरीबन 173 स्टूडेंट्स पंजीकृत हैं। बावजूद इसके यहां 20 शिक्षिकाओं की तैनाती है। राजकीय निशातगंज इंटर कॉलेज में 625 स्टूडेंट्स पर 31 शिक्षक हैं. जबकि राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद में 43 शिक्षक तैनात हैं। विभागीय जानकारों मानें तो राजधानी के राजकीय स्कूलों में अभी तक जो आंकड़े तैयार हुए हैं। उस आधार पर 150 शिक्षक सरप्लस की कैटेगरी में हैं। अब इनमें से कई की सिफारिशें भी आनी शुरू हो गई है। कोई शासन से जुगाड़ लगवा रहा है तो कोई विभागीय उच्च अधिकारियों से। बीते दिनों कुछ लोग संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में सिफारिश लेकर पहुंचे। डीआईओएस लखनऊ डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने इस पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मानक से अधिक शिक्षकों की सूची अभी तैयार नहीं हो पाई है। सूची बनाने की प्रक्रिया जारी है। जल्द ही मानक से अधिक शिक्षकों का विवरण संयुक्त शिक्षा निदेशक को भेज दिया जाएगा।
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