उत्तर प्रदेश के बरेली में एक रिश्ता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक मां ने जब बेटे को बुलेट के लिए पैसे नहीं दिए तो गुस्से में आकर उसने अपनी 70 साल की मांग को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया है। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड भी बरामद कर ली गई है।
ये घटना कोहाड़ापीर के खान मार्केट का है। फरीदा बेगम आईएमसी प्रवक्ता डॉ नफीस की रिश्तेदार थीं। 17 जनवरी की शाम घर में ही सिर में लोहे की रॉड से प्रहार करके उनकी हत्या कर दी थी। इस मामले की रिपोर्ट उनके बेटे अफसय उर्फ लकी ने घटना के अगले दिन लिखाई थी। लकी अपने परिवार के साथ लल्ला मार्केट के पास रहता है। लकी ने पुलिस को बताया कि वह अपनी मां को खाना देने पहुंचा तो वह रसोई के पास औंधे मुंह पड़ी मिलीं और आसपास खून बिखरा पड़ा था। पोस्टमार्टम में सिर में भारी वस्तु से प्रहार कर हत्या की बात सामने आई थी।
गली में लगे सीसीटीवी में सामने आया कि घटना वाले दिन लकी के अलावा घर में कोई नहीं गया। उसके घर के सामने बैठे एक व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की। वहीं, घटना के दौरान 50 मिनट का गणित पुलिस को नहीं समझा पाने के चलते लकी फंस गया। लकी ने पुलिस को बताया कि वह अपरान्ह साढ़े चार बजे मां के पास गया और कुछ देर रुककर लौट गया।
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शाम 5.20 बजे वह खाना लेकर पहुंचा तो फरीदा उसे मृत मिलीं। पुलिस के मुताबिक लकी घटना की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराना चाहता था। काफी दबाव बनाने पर उसने रिपोर्ट दर्ज कराई। इस वजह से वह पहले ही शक के दायरे में था। जब उससे यह पूछा गया कि घटना वाले दिन 4.30 बजे से 5.20 बजे के बीच वह कहां रहा तो उसने पुलिस को गुमराह करना शुरू कर दिया। जहां भी उसने जाने की बात कही, उसकी पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने पूरी घटना कबूल कर ली।
सोमवार को प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी राहुल भाटी और सीओ श्वेता यादव ने बताया कि इस घटना को फरीदा के बेटे अफसय उर्फ लकी ने अंजाम दिया था। लकी उनसे बुलट दिलाने की मांग कर रहा था। उन्होंने रुपये देने से मना किया तो लकी ने सिर में लोहे की रॉड से प्रहार कर उनकी हत्या कर दी। खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर राजेश सिंह, एसआई कुशलपाल सिंह, सौरभ यादव आदि शामिल रहे।