लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Khwaja Moinuddin Chishti Language University) में ‘शैक्षणिक और प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए एमएस एक्सेल में महारत’ पर कार्यशाला का दूसरा दिन संपन्न हुआ। विदित है कि ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो जेपी पांडेय (Prof JP Pandey) के नेतृत्व में व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा आयोजित “शैक्षणिक और प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए एमएस एक्सेल में महारत” पर दो दिवसीय कार्यशाला आज संपन्न हुई।
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इस गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शैक्षणिक और प्रशासनिक कर्मचारियों की एमएस एक्सेल के प्रभावी उपयोग में दक्षता बढ़ाना था, जो सफलतापूर्वक पूरा हुआ। कार्यशाला के दूसरे दिन, प्रतिभागियों को एमएस एक्सेल की उन्नत सुविधाओं के बारे में मार्गदर्शन दिया गया, जिससे उन्हें डेटा प्रबंधन, रिपोर्टिंग और प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए शक्तिशाली वातावरण दिया जा सके। कुल चार सत्रों सत्रों में डेटा विश्लेषण, मैक्रो के साथ स्वचालन और जटिल डेटा सेट को सरल बनाने के लिए पिवट टेबल का उपयोग जैसे विषय शामिल थे।
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कार्यशाला के संयोजक डीन (कॉमर्स) प्रो सैय्यद हैदर अली (Prof Syed Haider Ali) ने बताया कि कि कार्यशाला से प्राप्त कौशल से विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और प्रशासनिक दोनों ही कार्यों में महत्वपूर्ण रूप से सुधार होगा जिससे दैनिक कार्यों में अधिक दक्षता और सटीकता आएगी।
व्यवसाय प्रशासन विभाग और प्रशिक्षण एवं नियोजन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यशाला में संकाय सदस्यों और प्रशासनिक कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ विनय चौबे ने द्वारा किया गया। जिन्होंने न केवल विशेषज्ञ-स्तरीय निर्देश दिए बल्कि प्रतिभागियों को एक्सेल उपकरणों के व्यावहारिक प्रदर्शनों में भी शामिल करने के गुर सिखाए।
कार्यशाला के इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए आयोजकों को बधाई दी और इस तरह के व्यावसायिक विकास के अवसरों को जारी रखने के लिए कहा कुलपति ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और प्रशासनिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन प्रतिबद्ध है। कार्यशाला के समापन सत्र के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए।
कार्यशाला के समापन के अवसर पर प्रो राजेंद्र त्रिपाठी, डॉ दुआ नकवी, डॉ काज़िम रिज़वी, डॉ सुमन मिश्रा, डॉ विवेक बाजपेई सहित विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी भारी संख्या में उपस्थित रहे।