कुशीनगर, (मुन्ना राय)। गन्ने की उन्नत खेती के गुर (Tricks) सीखने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की यात्रा पर गए किसानों ने प्रदेश की सबसे बड़ी खतौली चीनी मिल (Khatauli Sugar Mill) का भ्रमण किया और मिल प्रबंधक गन्ना नीरव श्रीवास्तव (Nirav Srivastava) से जानकारी ली। पश्चिमी यूपी की नौ दिवसीय यात्रा पर गए किसानों का स्वागत मिल के यूनिट हेड डॉ अशोक कुमार (Dr Ashok Kumar) ने किया।
प्रधान प्रबंधक गन्ना नीरव श्रीवास्तव ने बताया कि मिल परिक्षेत्र में प्रति एकड़ 400 कुंतल गन्ने की उपज है। कुछ किसान प्रति एकड़ पांच से छः सौ कुंतल उपज ले रहे हैं। किसानों को अशोक कुमार ने बताया कि 26 फरवरी तक मिल द्वारा 165 लाख कुंतल गन्ने की पराई हो चुकी है। पिछले वर्ष 240 लाख कुंतल गन्ने की पराई मिल द्वारा की गई थी।
नीरव श्रीवास्तव ने बताया कि प्रमुख प्रजातियां 118, को.15023, को शा 13235 हैं। मिल कर्मी प्रतिदिन किसानों के खेत पर जाकर मिल की विकास योजनाओं को बताते हैं। भुगतान 16 फरवरी तक कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर गन्ना उत्पादकता और गुड निर्माण में भारत का सबसे बड़ा जिला है। वैज्ञानिक खेती की वजह से हो रहे लाभ के चलते गांव भी शहर जैसे हैं।
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यात्रा पर गए किसानों से जुड़ी सूचना साझा करते हुए उप्र गन्ना किसान संस्थान पिपराइच गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक और कसया तहसील क्षेत्र के बकनहा निवासी ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि पश्चिमी उप्र में पूर्वी उप्र की तुलना में गन्ने की औसत उपज अधिक है। कारण वहां किसान पशु पालन करते है और वैज्ञानिक तरीके से परिवार के साथ खेतों में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल में गन्ना विकास की अपार संभावनाएं हैं। जिला गन्ना अधिकारी गोरखपुर और सहायक निदेशक जगदीश यादव ने बताया कि 25 हजार किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिक उपज और खुशहाली के लिए किसानों को महाराष्ट्र, हरियाणा प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।