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इन राज्यों में तेजी से बढ़ रहे हैं बच्चों में मंप्स के मामले, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

गलसुआ जिसे मम्प्स भी कहा जाता है. भारत में बच्चों में मम्प्स के मामलों की संख्या बढ़ रही है. यह वायरल संक्रमण सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, हैदराबाद और तेलंगाना जैसे राज्यों में हड़कंप मचा रहा है.
ये माता-पिता के बीच चिंता का कारण बन रहा है. दरअसल में इससे बच्चों को बुखार, सर्दी, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो रही है. यह संक्रामक संक्रमण गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशुओं के लिए भी जोखिम पैदा कर सकता है. इसलिए, अपने आप को घातक वायरस से सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है.

मम्प्स क्या है?

गलसुआ या मम्प्स एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन है, जिसमें लार ग्रंथियों पर असर पड़ता है. मम्प एक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है जो लार, नाक के संक्रमण और करीबी व्यक्तिगत लक्षणों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. यह स्थिति मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करती है, जिन्हें पैरोटिड ग्रंथियां भी कहा जाता है. यह इंफेक्शन होने के बाद बच्चे के कान के नीचे मौजूद पैरोटिड ग्रंथियों में सूजन आ सकती है. आम तौर पर कुछ सलाइवरी ग्लैंड्स (पैरोटाइटिस) में गंभीर सूजन की वजह बन जाता है, जिसके कारण गाल फूल जाते हैं और जबड़ा सूजा हुआ हो जाता है. ऐसा जरूरी नहीं कि केवल बच्चे ही मम्प्स से प्रभावित होते हैं. कई बार बड़ों में वैक्सीन लगने के बाद भी यह समस्या पैदा हो सकती है. आपके चेहरे के प्रत्येक तरफ लार ग्रंथियों के तीन सेट होते हैं, जो आपके कानों के पीछे और नीचे स्थित होते हैं. गलसुआ का प्रमुख लक्षण लार ग्रंथियों की सूजन है.
मम्प्स के लक्षण आमतौर पर 2-3 सप्ताह में दिखाई देते हैं-

मम्प्स का इलाज क्या है?

-मम्प्स या गलसुआ से बचने के लिए बच्चों को MMR VACCINE लगवाई जानी चाहिए. इसमें बच्चों को आमतौर पर 2 खुराकें मिलती हैं, पहली 12-15 महीने की उम्र में और दूसरी 4-6 साल की उम्र में. -एसीडिक फूड और पेय पदार्थों से बचें जो आपकी लार ग्रंथियों में अधिक दर्द पैदा कर सकते हैं. -जिन लोगों की ग्रंथियां सूजी हुई हैं या कान के नीचे सूजन है, उन्हें मम्प्स से पीड़ित के रूप में पहचाना जाना चाहिए. सूजन की शुरुआत के बाद उसे कम से कम 7 दिनों के लिए अलग रखा जाना चाहिए. -बुखार को कम करने के लिए एसिटामिनोफेन और इबुप्रोफेन जैसी दवाएं ली जा सकती हैं. -बुखार के कारण डिहाइड्रेशन से बचने के लिए उचित आराम करें और खूब पानी पियें -ऐसे खाद्य पदार्थ लें जिन्हें चबाना मुश्किल न हो जैसे सूप, दही आदि -यदि किसी को मम्प्स का रोग पाया जाता है, तो उन्हें आमतौर पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दूसरों के साथ निकट संपर्क से बचने की सलाह दी जाती है. बेहतर सलाह और उपचार के लिए हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें.

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