लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शनिवार को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। इस पार्टी का नाम उन्होंने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा (आरबीएम) रखा है,वो स्वयं इसके संयोजक होंगे।
नसीमुद्दीन ने अपने आवास पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह मोर्चा एक मजबूत विकल्प बनेगा। बहुजन समाजवादी पार्टी के सामने खड़े होने के लिए यह एक मजबूत विकल्प है।
कभी बसपा अध्यक्ष मायावती के बेहद करीबी माने जाने वाले नसीमुद्दीन के रिश्ते चुनाव नतीजों के बाद उनसे बेहद तल्ख होने लगे थे।इसके बाद मायावती के निर्देश पर नसीमुद्दीन और उनके बेटे अफजाल को पार्टी से निकाल दिया गया था। मायावती ने इन पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाये गये थे। इसके बाद नसीमुद्दीन ने भी बसपा अध्यक्ष पर जमकर पलटवार किया था और मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही उन्होंने सबूत के तौर पर एक ऑडियो क्लिप भी मीडिया के सामने सुनायी थी।
इस बात की अटकलें शुरू से ही लगायी जा रहीं थीं कि नसीमुद्दीन किसी पार्टी का दामन थामने के बजाए खुद का दल बनायेंगे। वह स्वयं भी इस बात को कहते आ रहे थे। वहीं अब बसपा में उनके समर्थकों के साथ पार्टी नेतृत्व से नाराज और हाशिये पर चल रहे लोगों के इस मोर्चे से जुड़ने की बात कही जा रही है। खास बात है कि नसीमुद्दीन ने बेहद सोची समझी रणनीति के तहत अपने दल का नाम राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा रखा है। इसके जरिए वह कहीं न कहीं मायावती को निशाना बनाना चाहते हैं। इसीलिए इसमें बहुजन शब्द रखा गया है।इससे पहले नसीमुद्दीन ने दावा किया था कि उनके समर्थन में भारी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। बरेली में जहां साढ़े तीन हजार से अधिक लोग बसपा छोड़ चुके हैं वहीं नोएडा, गाजियाबाद के साथ मेरठ मण्डल में भी हजारों लोग उनसे जुड़ने के लिए आगे आये हैं।
उन्होंने कहा कि नए मोर्चे में उन लोगों को जोड़ा जाएगा जिन्होंने उन्हें देखकर बसपा को अलविदा कह दिया है। उनके मोर्चा में सभी के लिए दरवाजे खुले होंगे। वहीं कभी मायावती के बेहद खास रहे नसीमुद्दीन ने अब कहा है कि मायावती जब-जब मुझ पर आरोप लगायेंगी, तब-तब सुबूतों के साथ उनको गलत साबित करता रहूंगा।