भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता, जिन्हे लोग विश्वगुरु, Gurudev गुरुदेव आदि नामों से जनता है। जिनकी श्रेष्ठ रचनाएँ जो दो देशों का राष्ट्रगान बनीं, ऐसे बंगाल की माटी के महान कर्मयोगी रवीन्द्रनाथ ठाकुर या रवीन्द्रनाथ टैगोर की आज 77वीं पुण्यतिथि है। ये बड़े ही अद्भुत संयोग है की इसी अगस्त के माह में गुरुदेव की पुण्यतिथि व भारत की स्वतंत्रता दिवस दोनों मनाई जाती है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर टैगोर की लिखी रचना ही राष्ट्रगान के रूप में गाई जाती है
जानें Gurudev की 10 महत्वपूर्ण बातें
गुरुदेव को देश और विदेशों में चित्रकार, संगीतकार, साहित्यकार, समाज सुधारक और शिक्षाविद के रूप में जाना जाता है। साहित्य और संस्कृति में गुरुदेव के रविंद्रनाथ टैगोर के योगदान को इस तरह समझा जा सकता है कि गुरुदेव की दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनी। भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान गुरुदेव की रचनाएं ही हैं। भारत का ‘जन गण मन…’ और बांग्लादेश का ‘आमार सोनार बांग्ला…’ गुरुदेव की ही रचना है। ऐसे में जानतें हैं गुरुदेव की वो 10 बातें, जो जिन्हें अपनानें के बाद किसी की भी जिंदगी बदल जाएगी।
- मृत्यु प्रकाश को बुझाना नही, बल्कि सुबह होने पर दीप को बुझाना है।
- हमसे जुड़ा सबकुछ हमारे पास आ जाएगा, अगर हम अपने अंदर इसे प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं।
- विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है।
- प्यार अधिकार का दावा नहीं करता , बल्कि स्वतंत्रता देता है।
- तथ्य कई हैं, लेकिन सच्चाई एक है।
- जब मैं दिन के अंत में तुम्हारे सामने खड़ा करता हूं, तो आप मेरे निशान देखते हैं और जानते हैं कि मेरे घाव और मेरा उपचार भी था।
- एक बरतन में पानी चमकता है लेकिन समुद्र में पानी अस्पष्ट होता है। छोटी सच्चाई में ऐसे शब्द होते हैं जो स्पष्ट होते हैं। महान सत्य शांत दिखता है।
- आप केवल पानी पर खड़े और घूरकर समुद्र पार नहीं कर सकते हैं।
- किसी बच्चे की शिक्षा अपने ज्ञान तक सीमित मत रखिए, क्योंकि वह किसी और समय में पैदा हुआ है।
- प्यार एक अंतहीन रहस्य है, क्योंकि इसमें इसकी व्याख्या करने के लिए और कुछ नहीं है।
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