- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday 09 Febraury, 2022
लखनऊ। नई शिक्षा नीति-2020 को कार्यान्वित करने के के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के एच॰आर॰डी॰सी॰ के तत्वावधान में एक सप्ताह तक चलने वाली कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आज (08.03.2022) शुभारम्भ हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय की RUSA की ओर से प्रायोजित इस कार्यशाला के प्रथम दिवस पर मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो॰ दिनेश सिंह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ आलोक कुमार राय ने की।
इस कार्यशाला में लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अतिरिक्त लखीमपुर खीरी और सीतापुर जनपदों के कई महाविद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया। ‘एन॰ई॰पी॰—विज़न टू ऐक्शन’ शीर्षक वाली इस कार्यशाला का उद्देश्य इसके नाम में निहित है। अर्थात्, नई शिक्षा नीति के महत्वकांक्षी लक्ष्यों को तार्किक परिणिति तक पहुँचना।
आज प्रथम दिन प्रो॰ दिनेश सिंह ने अपने अभिभाषण में कबीर को उद्धृत कर जिज्ञासा के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि जो जिज्ञासु होते हैं, उन्हें ही ज्ञान प्राप्त होता है। जिस प्रकार महात्मा गांधी को सत्य में अपनी आंतरिक आवाज़ मिली थी। उसी प्रकार हमको जिज्ञासु बने रहना है और अपनी आंतरिक आवाज़ को ढूँढ निकालना है। वह आवाज़ हमें शिक्षा के किसी भी विषय तक ले जा सकती है। यही वह ‘ट्रांसडिसप्लिनैरिटी’ है, जो नई शिक्षा नीति-2020 की पहचान है। आज के दूसरे वक्ताओं में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ आलोक कुमार राय भी थे। उन्होंने मुख्यतः ‘चेंज मैनेजमेंट’ के परिप्रेक्ष्य में एन॰ई॰पी॰-2020 को समझाया।