नई दिल्ली। भारत-भूटान सीमा पर असम के लैंड पोर्ट दर्रांगा में पहली एकीकृत आव्रजन चेक पोस्ट (आईसीपी) का गुरुवार को उद्घाटन किया गया, जो भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विदेश मंत्रालय के रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा स्थायी साझेदारी और सहयोग का प्रमाण।
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भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा और अन्य गणमान्य व्यक्ति आज असम के दर्रांगा में तीसरे देश के नागरिकों के लिए नए इमिग्रेशन चेक पोस्ट के उद्घाटन में शामिल हुए। इससे भारत और भूटान के बीच संपर्क बढ़ाने, पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने में मदद मिलेगी।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा नवंबर 2023 में महामहिम भूटान नरेश की भारत यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने ‘तीसरे देश के नागरिकों’ के भूमि मार्ग से प्रवेश और निकास को सुविधाजनक बनाने के लिए भूटान और भारत के बीच दर्रांगा (असम)/समद्रुप जोंगखर (भूटान) को आव्रजन चेक पोस्ट के रूप में नामित करने पर सहमति व्यक्त की थी।
मंत्रालय ने कहा उद्घाटन के दौरान, असम के राज्यपाल ने भूटान और भारत के बीच लंबे समय से चली आ रही मित्रता और सीमा पार बुनियादी ढांचे के विकास तथा लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए हाल की पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने भूटान की शाही सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
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इस दौरान पीएम तोबगे ने दर्रांगा में आव्रजन चेक पोस्ट के संचालन का स्वागत किया, जिससे पूर्वी भूटान में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस क्षेत्र में अधिक संपर्क को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।
बता दें कि इससे पहले, तीसरे देश के नागरिकों को केवल पारो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे या जयगांव-फुएंत्शोलिंग भूमि सीमा के माध्यम से भूटान में प्रवेश/निकास की अनुमति थी। तीसरे देश के नागरिकों के लिए यह चेक पोस्ट खुलने से पर्यटन के साथ ही लोगों के बीच आपसी संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी