सीतापुर/लहरपुर. स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज होती नजर आ रही है। स्थानीय नेता चाय दुकानों पर नुक्कड़ सभाएे व रैलियां करके माहौल अपने पक्ष में बनाने में लगे हैं। जो कल तक एक दूसरे की उंगली पकड़कर चल रहे थे आज वही नेता एक दूसरे के सामने मुकाबले पर चुनाव लड़ रहे हैं। वैसे तो निकाय चुनाव में उतरने वाले उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है,लेकिन जो प्रमुख उम्मीदवार हैं उनका जिक्र जोरों पर है। इसमें पहला नाम जो मौजूदा दौर में आगे चल रहा है वो मौलाना आफताब अहमद कासमी का जो लहरपुर में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। मौलाना आफताब पूरे समाज में एक साफ-सुतरी छवि के लिए जाने जाते हैं।
मौलाना को अंसारी समाज के साथ साथ सभी धर्मों व वर्गों के लोगों ने अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार किया है। साथ ही मौलाना के साथ सभी वर्गों के लोग तन मन से उनके साथ लगे हुए हैं।
मौलाना आफताब और हसीन खान के बीच हो सकती है कांटे की टक्कर
फिलहाल जो समीकरण बनते नजर आ रहे हैं उन्हें देखकर तो यही लग रहा है कि इस नर के चुनाव में मौलाना आफताब व हसीन खान के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। इस समय बैकवर्ड सीट में मौलाना साहब सबसे बड़ा चेहरा बनते दिख रहे हैं। वहीं यदि सामान्य सीट की बात की जाए तो सीतापुर के सांसद राजेश वर्मा के करीबी माने जाने वाले व वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष मोहम्मद हसीन खान को भी लोगों का खासा समर्थन मिलता दिख रहा है। हसीन खान ने अपने कार्यकाल में सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए सभी के हित मे काम किए हैं। चाहे वह लहरपुर की ईदगाह की बात हो चाहे रामलीला मैदान व पक्के ताल की बात हो या फिर कटरा रोड की क्योंकि लहरपुर में आजादी के बाद से आज तक बहुत से चेयरमैन आए और चले गए लेकिन विकास कार्य किसी ने नहीं किया। शायद इसीलिए हसिन खान को जनता का भारी समर्थन आज भी मिल रहा है। तीसरे उम्मीदवार के तौर पर मैदान में पूर्व विधायक मोहम्मद जासमीर भी हैं। इनकी पत्नी पूर्व सांसद व पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रह चुकी हैं,इनके पूर्व के कार्यकाल और तौर तरीकों के चलते ही इनकी नगर में खराब होने के कारण उनके सभी पदों के आगे पूर्व लगता चला गया। वहीं उम्मीदवारों की लिस्ट में गौरी समाज से दो उम्मीदवार मैदान में है,जिसमें हाजी जावेद और हाजी सिराज से मजबूत दावेदारी करते नजर आ रहे हैं। फिलहाल लहरपुर निकाय चुनाव में जीत किसी की भी लेकिन मुकाबला व जीत दोनो ऐतिहासिक होता दिख रहा है।
संवादसूत्र: मोहम्मद हाशिम