वाराणसी/लोहता। भगवान भाष्कर के महापर्व डाला छठ पर श्रद्धा और तप का निराजल व्रत रखी लाखों महिलाएं शुक्रवार को दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ लोहता स्थित भट्ठी गांव में शांति सरोवर व भरथरा तालाबों व पिसौर नदी पर पहुंची, तो वहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सूर्य की उपासना के लिए घंटों पानी में खड़ी रहीं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया, तो छठ मैया के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
महिलाएं तेजस्वी पुत्र सहित अन्य कई मनोकामनाओं के लिए छठ का कठिन व्रत रखती हैं। गांव-देहात तक रात से ही निराजल व्रत रही महिलाओं की आस्था को दोपहर बाद से तालाबों की ओर उमड़ पड़ी गाजे-बाजे के साथ छठ मैय्या की गीत गाती व्रती महिलाओं के आगे उनके पति या फिर परिवार के कोई अन्य पुरूष सदस्य डलिया में पूजन सामग्री लिए सरोवरों के लिए रवाना हो गए थे।
घाटों पर तिल रखने भर के लिए भी जगह नहीं बची थी। अपनी-अपनी वेदियों के सामने पूजन सामग्री रख व्रती महिलाएं तालाब के पानी में पश्चिम मुख किए खड़ी थी, तो परिवार और पड़ोसी घाट पर उमड़े हुए थे। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय आया, तो एक साथ हजारो हाथ अर्घ्य देने के लिए आगे बढ़ते गए। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से लोहता पुलिस तालाबो पर मौजूद रही।
रिपोर्ट-जमील अख्तर