वाराणसी। धोखाधड़ी के मामले में आरोपित महिला कालोनाइजर नीतू त्रिपाठी को जमानत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश जेपी यादव की अदालत ने आरोपित को एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नदीम अहमद खान व वरुण प्रताप सिंह प्रिंस ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अजीत कुमार घोष ने 25 सितंबर 2019 को कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस दौरान उसे रविन्द्र पाल ने बताया कि वैशाली रीयल स्टेट प्रा.लि. के नाम से रविन्द्र कुमार व रंजित कुमार प्लाटिंग कर रहे है और उसे जमीन ले जाकर दिखाया। आरोप है की 17 दिसम्बर 2017 को रविन्द्र कुमार ने उसे घर बुलाया तो वहां वैशाली रीयल स्टेट प्रा. लि. निदेशक रविन्द्र कुमार मौजूद थे. प्रार्थी से 3150 वर्गफीट जमीन आराजी नंबर 653 मौजा केशरीपुर में 25 लाख रूपये विस्वा में बातचीत तय हुआ और पूरी जमीन 57,90,000 रूपया हुआ।
जिसपर उसने बैंक ऑफ बड़ौदा महमूरगंज शाखा से एक लाख पच्चीस हजार रूपये आरटीजीएस रविन्द्र कुमार के कहने पर यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा कैन्टोमन्ट तथा दो लाख पच्चास हजार रूपया नकद रविन्द्र कुमार के घर पर दिया। इसके अलावा विभिन्न तिथियों पर भी वादी ने कुल तीस लाख रूपये दिनांक 14 अप्रैल 2018 तक दिया। उसके द्वारा शेष पैसा देकर बैनामा की बात करने पर रविन्द्र कुमार निदेशक व रविन्द्र कुमार पाल टाल मटोल करते रहे।
इस बीच 23 जून 2019 को दिन में लगभग 2 बजे उक्त लोगों ने कहा कि जो जमीन आप तय किये है, उसे दूसरे को बेचने का एग्रीमेन्ट कर लिया है उसे दूसरी जमीन देगें। उसके द्वारा पैसा मांगने पर उसे गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दिये और पैसा भूल जाने की बात कहें । विपक्षीगण उक्त जमीन को कूटरचित एग्रीमेन्ट तैयार कर कमलेश सिंह को एग्रीमेन्ट कर दिये और उसका तीस लाख रूपया हड़प लिये।
रिपोर्ट-जमील अख्तर