लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा है कि कोरोना के ड्रैक्यूला से एक ही चीज बचा सकती है वैक्सीन। लेकिन वहां हालत और भी हताशा भरी है। लग रहा है कि देश की ज्यादातर आबादी को सरकार ने फेल कर दिया है। वैक्सीन पर सरकार का गड़बड़ गणित को ऊपर दिए हुए प्रश्न ही बता सकते हैं।
139 करोड़ की आबादी वाले देश की सरकार सिर्फ 3.5 फीसदी लोगों के लिए वैक्सीन का इंतजाम करके क्यों रुकी हुई है। उसे किस बात का इंतजार है? हम सेकंड वेव के भयंकर चपेट में हैं। लोग बिना इलाज मर रहे हैं। आगे की आबादी को वैक्सीनेट करने का क्या प्लान है? कहां है वो प्लान? सरकार की नाकामियां और अव्यवस्था ने ही कोरोना महामारी को नरसंहार का रूप दिया है।
सरकार के पास करने और कहने को कुछ नहीं है। शायद इसलिए सरकार केवल जनता को मुद्दों से भटकाने के बहाने खोज रही है। आम आदमी बिना ऑक्सीजन, बिन बेड तड़प रहा है। अस्पतालों के अंदर और बाहर दम तोड़ रहा है। इधर वैक्सीन के लिए कतार लगी है तो उधर श्मशानों के बाहर कतार है। ये हालत तब है जब हमारे पास पर्याप्त पैसा है।
केंद्र राज्यों को पर्याप्त वैक्सीन नहीं दे रहा
मई में जब 18+ के लिए भी वैक्सीनेशन के दरवाजे खोले गए तो सिर्फ इसी दिन सवा करोड़ के करीब लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यानी स्कूल, दफ्तर में वैक्सीनेशन सेंटर खोले जा रहे हैं। मुफ्त बांटने के ऐलान हो रहे हैं वैक्सीन घर जाकर देंगे, ऐसा कहा जा रहा है। लेकिन सच्चाई ये है कि नए लोगों को बहुत कम संख्या में वैक्सीन मिल रही है।